ग्रीस को दिवालिया होने से बचाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने संकट से निकलने के लिए नया प्रस्ताव दिया है। इससे पांच महीने से चल रहा गतिरोध खत्म होने की उम्मीदें बंध गई है। सिप्रास की नई पेशकश ब्रसेल्स में सोमवार को 19 यूरोजोन प्रमुखों की अहम बैठक से ठीक पहले आया। ग्रीस का कहना है कि इस प्रस्ताव से दोनों पक्षों को फायदा होगा। प्रस्ताव को लेकर अभी पूरी तस्वीर साफ नहीं है।
यदि कर्जदाता ग्रीस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेते हैं तो उसे 7.2 अरब यूरो (5195 करोड़ रुपये) का राहत पैकेज मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा और वह दिवालिया होने से बच जाएगा। उल्लेखनीय है कि ग्रीस को इस महीने के अंत तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) को 1.5 अरब यूरो (1082 करोड़ रुपये) का कर्ज चुकाना है। सिप्रास ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांकोआ ओलांद और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जेन क्लाउड जंकर को फोन कर इस प्रस्ताव की पेशकश की। जंकर कैबिनेट के प्रमुख मार्टिन सेलमायर ने इस प्रस्ताव को सुधारों के लिहाज से अच्छा बताया है। उन्होंने कहा कि ग्रीस को यूरोजोन से बाहर होने से बचाने के लिए इस प्रस्ताव को फौरन स्वीकार करने की आवश्यकता है।
यूरोजोन के 19 देशों के प्रमुखों की ब्रसेल्स में सोमवार को अहम बैठक होने वाली है। बैठक से पहले ग्रीस के प्रधानमंत्री ने आइएमएफ, यूरोपीय संघ और यूरोपीय सेंट्रल बैंक के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठकें की।
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