नालंदा के स्कूल में जिन दो बच्चों की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने स्कूल के डायरेक्टर को पीट-पीटकर मार डाला था, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उन दो बच्चों की मौत पानी में डूबने से हुई थी। लोगों का आरोप था कि डायरेक्टर ने बच्चों को पीट-पीटकर मार डाला और संदिग्ध मौत दिखाने के लिए पानी में शव डाल दिए। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हुआ है कि बच्चों की मौत डूबने से ही हुई थी।
बिहार के नालंदा के जगदीशपुर में एक स्कूल हॉस्टल में रहने वाले दो बच्चों की लाश पास के तालाब में मिली। इसके बाद गांववाले इस कदर गुस्साए कि उन्होंने स्कूल में जमकर तोड़फोड़ की। स्कूल बसों में आग लगा दी। लेकिन इतने भर से उनका गु्स्सा नहीं थमा। लोगों ने स्कूल के डायरेक्टर को बहुत बुरी तरह से पीटकर उसकी जान ले ली। गुस्साए लोगों ने लाठी, डंडा, पत्थर, लात-घूंसा सबसे पीट-पीट कर डायरेक्टर को अधमरा कर दिया। डायरेक्टर की एक आंख निकाले जाने की भी खबर है। पुलिस ने किसी तरह डायरेक्टर को वहां से ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी मौत हो गई।
घटना नालंदा में डीपीएस स्कूल की है। डीपीएस के दो छात्रों की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल भवन और स्कूल के दो वाहनों मे आग लगा दी, साथ ही स्कूल के डायरेक्टर की बेरहमी से पिटाई कर हत्या कर दी। नाराज ग्रामीणों ने स्कूल बिल्डिंग और स्कूल के दो वाहनों मे आग लगा दिया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस को देखते ही ग्रामीण भड़क गए। गांववालों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। जिसमें थानाध्यक्ष समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।
दरअसल इस आवासीय विद्यालय के दो छात्रों का शव जब ग्रामीणों ने पानी से बाहर निकाला तो एक बच्चे की आंख और कान में गहरे जख्म के निशान मिले। जिसके बाद ग्रामीण भड़क गए और बवाल शुरू कर दिया। लोगों का आरोप है कि विद्यालय के डायरेक्टर ने दोनों छात्रों की बेरहमी से पिटाई की। जिससे दोनों की मौत हो गई और घटना को दुर्घटना में बदलने के लिए छात्रों के शवों को पानी में फेंक दिया गया।

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