विद्यार्थियो ने कृषको से जानी अधिक मुनाफा लेने की तकनीक
बड़वानी 02 जुलाई/कृषि विज्ञान केन्द्र बड़वानी में कृषि महाविद्यालय खण्डवा से आये ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम के छात्रो ने ग्राम लोनसरा के कृषक विजय काग के प्रक्षेत्र पर जाकर कृषि संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी ली व देखा कि किस प्रकार कृषक ने अपनी पथरीली जमीन में अधिक मुनाफा प्राप्त करने के लिए कपास फसल के साथ अंतवर्तीय फसल खीरा लगाया है। साथ ही उन्होने जाना कि यह कृषक अपनी उबड-खाबड़ एवं पथरीली जमीन से अधिक लाभ लेने के लिए किस प्रकार नई-नई तकनीकी का उपयोग करते रहते है। ज्ञातव्य है कि गत वर्ष इनके इस प्रक्षेत्र का जापान के कृषि वैज्ञानिको द्वारा निरीक्षण किया गया था। साथ ही इस प्रगतिशील कृषक को 10 हजार का पुरस्कार भी दिया गया था।
समाधान आॅनलाईन होगी 07 जुलाई को
बड़वानी 02 जुलाई/मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान की अध्यक्षता में समाधन आॅनलाईन कार्यक्रम 07 जुलाई को सायं 4.00 बजे से आयोजित किया जा रहा है। कलेक्टर रविन्द्रसिंह ने सभी जिला अधिकारियों को विभागीय जानकारी के साथ कलेक्टरेट परिसर स्थित एन.आई.सी. कक्ष में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देष दिये है।
बंद पाई गई 4 शालाओ के शिक्षको को मिलेगा शोकाज नोटिस
बड़वानी 02 जुलाई/एसडीएम बड़वानी एवं प्रभारी डीपीसी श्री दीपक आर्य ने जिला शिक्षा केन्द्र के एपीसी श्री अशरफ खान, डाईट प्राचार्य एमएल वास्कले, कनिष्ठ व्याख्याता डाईट एचएल देवड़ा, तथा प्रोग्रामर योगेश निगवाले के निरीक्षण के दौरान बंद पाई गई 4 शालाओ के समस्त शिक्षको को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को दिये है। दल ने अपने निरीक्षण के दौरान विकासखण्ड निवाली के प्राथमिक विद्यालय पुरूषखेड़ा की शाला दोपहर 3.20 बजे बंद पाई गई। माध्यमिक विद्याल पटेल फल्या बुधगांव की शाला दोपहर 3.30 बजे बंद पाई गई। प्रोन्नत प्राथमिक विद्यालय पटेल फल्या बुधगांव की शाला दोपहर 3.35 बजे बंद पई गई। उत्कृष्ट प्रथमिक विद्यालय बुधगांव की शाला भी दोपहर 3.50 बजे बंद पाई ।
डिजिटल इण्डिया सप्ताह के तहत आज होगी जागरूकता कार्यशाला
बड़वानी 02 जुलाई/डिजिटल इण्डिया सप्ताह के तहत शुक्रवार 3 जुलाई को दोपहर 2 बजे से शहीद भीमा नायक शासकीय महाविद्यालय बड़वानी के सभागृह में कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला में प्रदेश के श्रम मंत्री एवं सेंधवा के विधायक श्री अंतरसिंह आर्य की उपस्थिति में विषय विशेषज्ञ अधिकारियो, महाविद्यालयीन विद्यार्थियो जनप्रतिनिधियो को जहां समुचित जानकारी देंगे वही उनके प्रश्नो जिज्ञासाओ का भी समाधान करेंगे।
श्रम मंत्री का दौरा कार्यक्रम
बड़वानी 02 जुलाई/प्रदेश के श्रम मंत्री एवं सेंधवा के विधायक श्री अंतरसिंह आर्य 03 से 05 जुलाई तक सेंधवा एवं जिले के स्थानीय कार्यक्रमो में भाग लेंगे। 06 जुलाई को श्रम मंत्री श्री आर्य सुबह 8 बजे सेंधवा से झाबुआ के लिए प्रस्थान करेंगे।
स्कूल में प्रवेश के साथ ही विद्यार्थियो के जाति प्रमाण पत्र की कार्यवाही करवाई जाये पूर्ण-एसडीएम
बड़वानी 02 जुलाई/जो बच्चा जिस दिन स्कूल में भर्ती हो, उसका जाति प्रमाण पत्र बनवाने हेतु समुचित दस्तावेज प्रथम दिन ही पूर्ण करवा लिया जाये। जिससे लोक सेवा केन्द्रो के माध्यम से बनने वाले जाति प्रमाण पत्र 15 अगस्त के पूर्व तक बनवाये जा सके। यह जिम्मेदारी संकुल प्राचार्यो की होगी कि वह यह कार्य अपने क्षेत्र में मिशन मोड में चलवाये। जिससे निर्धारित समय सीमा अनुसार कार्य पूर्ण हो सके। गुरूवार को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय बड़वानी के सभागृह में आयोजित संकुल प्राचार्यो एवं लोक सेवा केन्द्रो के संचालको की बैठक में उक्त निर्देश एसडीएम एवं प्रभारी डीपीस दीपक आर्य ने दिये। बैठक के दौरान प्रभारी डीपीसी ने अनुभाग बड़वानी के लोक सेवा केन्द्र बड़वानी एवं पाटी के संचालको को निर्देशित किया कि संकुल स्तर से प्राप्त जाति प्रमाण पत्र आवेदनो की पूर्ति जांचने हेतु आने वाले शिक्षको की समुचित बैठक व्यवस्था अपने यहां करवाये। जिससे वे आवेदनो का परीक्षण समय सीमा में पूर्ण कर सके। बैठक में उपस्थित सहायक आयुक्त आदिवासी विकास आरके श्रोती, जिला शिक्षा अधिकारी एसआर अचाले एवं जिला लोक सेवा प्रबंधक अभिषेक वर्मा द्वारा बताया गया कि संकुलो से लोक सेवा केन्द्रो पर प्राप्त होने वाले आवेदनो की संख्या बहुत ही कम है जिस पर सभी संकुल प्राचार्यो द्वारा अवगत कराया गया कि संस्थाओ द्वारा सभी विद्यार्थियो के आवेदन लोक सेवा केन्द्रो पर जमा करा दिये गये है, केवल लोक सेवा केन्द्र द्वारा उन्हे आनलाईन दर्ज नही किया गया है। लोक सेवा केन्द्र संचालक पाटी द्वारा बताया गया कि उनके पास रखे लंबित आवेदनो को 2 सप्ताह के अंदर शत प्रतिशत दर्ज कर दिया जावेगा। जबकि लोक सेवा केन्द्र बड़वानी से कोई भी प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित नही होने से अधिकारियो द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस केन्द्र के संचालक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करेन के निर्देश दिये गये। साथ ही निर्देशित किया गया कि लोक सेवा केन्द्र द्वारा प्रमाण पत्र संकुल स्तर पर शीघ्र वितरित किये जावे। एसडीएम बड़वानी द्वारा बताया गया कि स्कूल में कक्षा पहली के भी आवेदन पत्र तैयार कर लोक सेवा केन्द्रो को शीघ्र भेजे जावे।
कामलिया कीट की रोकथाम उसकी प्रथम अवस्था में ही की जाये-अजीत राठौर
बड़वानी 02 जुलाई/वर्तमान में पानसेमल एवं निवाली के आसपास की पहाडि़यो के वन से लगे खेतो में कही कही कामलिया कीट का प्रकोप देखने में आया है। इसी अवस्था में इन कीट को नियंत्रण करना जहां सस्ता रहता है वही प्रभावशाली भी होता है। उप संचालक कृषि श्री अजीतसिंह राठौर ने बताया कि हल्की जमीन एवं वर्षा की कमी होने पर कामलिया कीट आता है। वर्षा होने के उपरांत कामलिया कीट के नर एवं मादा सक्रिय हो जाते है और मादा खसखस के दानो के समान अण्डे देती है। अण्डे से 2-3 दिन में इल्ली निकलती हे। इल्ली का रंग हल भूरा पीला अथवा काला रहता है और पूरे शरीर पर घने काले बाल रहते है इसलिए इस कीट को कामलिया कीट कहते है। यह इल्ली फसलो को नुकसान पहुंचाती है। इसकी रोकथाम हेतु गहरी जुताई सबसे अच्छा उपाय हैं वर्तमान में यह कार्य नही हो सकता है। इस हेतु प्रकाश जाल या प्रपंच उपयोग करना चाहिए। प्रकाश जाल हेतु 160 वाट का बल्ब लगाकर पानी में मिट्टी का तेल डालकर उपयोग किया जा सकता है। खेतो के आसपास खाखरा, बेशर्म अन्य खरपतवार को पूर्ण रूप से साफ करना चाहिए। खेतो के आसपास चारो ओर 1 फीट चैड़ी तथा डेढ़ फीट गहरी नाली खोद ले। नाली से इल्ली बाहर नही आ पाती है। इल्ली जब छोटी अवस्था में रहती है तो उसको आसानी से नियंत्रण कर सकते है। इल्ली बड़ी होने पर दवाई का असर भी कम हो पाता है। कीटनाशक औषधि में भूरकने वाली दवाओ में इकालक्स 1.5 प्रतिशत, फालीडाल डस्ट 2 प्रतिशत आदि का उपयोग 25 किलो प्रति हेक्टर के मान से करे। छिड़कने वाली दवाओ में क्लोरोपायरीफास 20 प्रतिशत 1200-1500 मिली या क्विनालफास 25 प्रतिशत 1000 से 1250 मिली प्रति हेक्टर के मान से करे। एक हेक्टर में छिड़काव हेतु 700 लीटर पानी करा उपयोग करना चाहिए।
खेतो में डोरा चलाकर किसान बंधु बनाये रख सकते है खेत की नमी-अजीतसिंह
बड़वानी 02 जुलाई/जिले में प्रारंभिक रूप से हुई अच्छी वर्षा से उत्साहित कृषको ने शत प्रतिशत बोनी का कार्य एक सप्ताह पूर्व ही कर लिया था। वर्तमान समय में नही हो रही वर्षा से किसान बंधु घबराये नही, वरन विशेषज्ञो द्वारा बताई जा रही रीति-विधि को अपने खेतो में अपनाये, इससे किसानो को खेत की नमी को बनाये रखने में पूर्ण सफलता मिलेगी। उप संचालक कृषि अजीतसिंह राठौर ने जिल में वर्षा की खेंच के मद्देनजर किसानो को निम्न सुझाव दिये है। किसान बंधु अपने खेतो में डोरा-कोल्या का अधिक से अधिक उपयोग करे। इससे जमीन की दरार छिद्र बंद हो जायेंगे। जिससे जमीन की नमी वाष्प बनकर उड़ने नही पायेगी। जिन किसानो के पास अतिरिक्त रूप से सोयाबीन या गेहूं का भूसा है वे इसका उपयोग जैविक कल्च के रूप में करे। कपास की फसल पर 2 प्रतिशत यूरिया के घोल का छिड़काव करे। इसके लिए 2 किलो यूरिया को 100 लीटर पानी में घोलकर फसल की जड़ो के पास छिड़काव करे। सोयाबीन एवं अन्य फसलो में जीवनदायिनी सिंचाई करे। इस हेतु स्प्रिंकलर पद्धति का अधिक से अधिक उपयोग करे। फसलो में खरपतवार अधिक हो तो क्विझालोफास इथाइल, इमाझेथापीर आदि दवाईयो का उपयोग 1 लीटर प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करे। सोयाबीन फसल मं नीला भृंग की समस्या हो तो क्विनालफास दवाई का उपयोग 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से करे।
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