जितेन्द्र प्रसाद यादव : प्रखर स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 10 जुलाई 2015

जितेन्द्र प्रसाद यादव : प्रखर स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी

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महान स्वतंत्रता सेनानी प्रखर समाजवादी नेता जितेंद्र प्रसाद यादव का  कल पटना मेँ निधन हो गया. श्री यादव बेगूसराय जिले के शालिग्रामी गाँव के निवासी थे. इन्होने विद्यार्थी जीवन मेँ ही १९४२ के भारत छोडो आंदोलन मेँ काफी सक्रिय हो कर भाग लिया. प्रारंभ मेँ वे क्रांतिकारी दस्ता के सदस्य थे और लखन लाल कपूर पूर्व संसद सदस्य के साथ सहयोग करते हुए, आजादी के लिए हिंसक रास्ते पर रहे. पर कुछ ही दिनोँ मेँ महात्मा गांधी के प्रभाव मेँ आने के कारण अहिंसक आन्दोलन में शामिल हो गए और आजादी की लड़ाई मेँ दो बार छः छः महीने के लिए जेल गए.
        
एक वर्ष के कारावास कि अवधि में अंग्रेजों ने उन्हें खूब प्रताड़ित  किया; उनके हाथों की उंगली मेँ सूई चुभो कर क्रांतिकारियो का नाम पूछा जाता था. श्री यादव देश की आजादी के लिए जेल गए मगर स्वतंत्रता सेनानी पेंशन लेने से उनहोने इंकार कर दिया. उनका कहना था कि मैंने देश की आजादी के लिए अपनी जवानी गंवाई; पेंशन के लिए नहीं.

१९९० में जब बिहार में जनता दल की जब सरकार बनी थी तो उन्हें बिहार बीस सूत्री का सदस्य बनाया गया. मगर उन्होंने बीस सूत्री जैसी कमेटी की निरर्थकता को बताते हुए कमेटी से इस्तीफा दे दिया. श्री यादव समाज ओर देश के लिए समर्पित, जीवन पर्यंत समाज, देश और वर्तमान राजनीति की दुर्दशा पर सोचते और प्रहार करते रहते थे. वर्तमान राजनीति के पतन पर दुखी यादव ने हमेशा सरकारी लाभ का पद लेने से इनकार किया. श्री यादव राजनीति में सच्चाई, ईमानदारी,और नैतिकता के लिए मृत्युपर्यंत संघर्षरत रहे.

 वे वैज्ञानिक सोच के थे. सामाजिक झूठ और पाखंड के खिलाफ हमेशा लड़ते रहे. एक बार मैंने उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मुलाकात करवाई और उनका परिचय सोशलिस्ट नेता के रुप मेँ दिया. चौधरी चरण सिंह ने सोशलिस्ट नाम सुनकर कहा “मुझे तो सोशलिस्टों  की बात समझ मेँ नहीँ आती.” इसपर जितेंद्र यादव जी ने कहा कि “जो बात सोशलिस्टों को पहले समझ मेँ आती है दूसरे लोगोँ को बहुत बाद  में समझ में आती है.”

इनकी बातोँ को सुनकर चौधरी साहब गुस्से मेँ आकर अपने कमरे मेँ चले गए. तो ऐसे प्रखर सोच वाले राजनीतिक सिद्धांत, नैतिकता और उच्च विचार के थे श्री जीतेन्द्र प्रसाद यादव. श्री जितेन्द्र प्रसाद यादव राजनीति में नई पीढी के नौजवानों को हमेशा सिद्धांत, नैतिकता और उच्च विचार के लिए प्रेरित करते रहते थे. उनके निधन से समाजवाद एवं समाज को अपूरणीय क्षति हुई है. 





---गजेन्द्र प्रसाद हिमांशु---
पूर्व मंत्री एवं उपाध्यक्ष बिहार विधान सभा

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