दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)-2013 से जुड़े स्पॉट फिक्सिंग मामले में क्रिकेट खिलाड़ी शांताकुमारन श्रीसंत और 35 अन्य आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा ने तीनों खिलाड़ियों श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण के अलावा 33 अन्य आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया। दिल्ली पुलिस ने आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अलावा बेहद सख्त मकोका के तहत भी आरोप लगाए थे। अदालत ने वकीलों, पत्रकारों और अन्य लोगों की भारी भीड़ के बीच अपना फैसला सुनाया। अदालत ने जैसे ही सभी आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया, श्रीसंत वहीं रो पड़े।
अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए श्रीसंत ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था में पूरा विश्वास था और पूरा भरोसा था कि इस मामले में वह छूट जाएंगे। राजस्थान रॉयल्स टीम से जुड़े तीनों खिलाड़ियों को दिल्ली पुलिस ने स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। बीसीसीआई द्वारा आजीवन प्रतिबंध की सजा झेल रहे चव्हाण और श्रीसंत जमानत पर रिहा हो गए थे लेकिन चंदीला को जमानत नहीं मिली थी। अदालत का यह फैसला दिल्ली पुलिस के लिए एक झटका है, जिसने पूरे मामले की जांच की थी। पुलिस ने अदालत के सामने 6000 पन्ने का चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें 42 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
आईपीएल के छठे संस्करण के दौरान सामने आई इस हिला देने वाली घटना के तहत दिल्ली पुलिस ने 16 मई 2013 को भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल चुके श्रीसंत सहित कई सटोरियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में अंडरवर्ल्ड सरगना दाउद इब्राहिम और उसका सहयोगी छोटा शकील भी शामिल थे। खिलाड़ियों को तो अदालत ने जमानत दे दी थी लेकिन दाउद और शकील के खिलाफ अदालत ने गैरजमानती वारंट जारी किया था। दाउद और छोटा शकील फरार हैं और घोषित अपराधी हैं। पुलिस ने उनकी संपत्तियों की कुर्की भी कर ली है।
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