औरंगजेब रोड (लुटियन जोन) को अब डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जाना जाएगा। शुक्रवार को एनडीएमसी काउंसिल की बैठक में नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। इस प्रस्ताव को अब स्वीकृति के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजा जाएगा। इसके साथ ही दूसरे मार्ग के नामों को भी बदलने का रास्ता साफ हो गया है। एनडीएमसी अब चौराहों के नाम को भी बदल कर शहीदों के नाम पर रखेगी।
औरंगजेब रोड का नाम बदलने का प्रस्ताव सांसद मीनाक्षी लेखी, महेश गिरि, आप के ट्रेड विंग के नेता विपिन रोहिला की तरफ से लाया गया। सड़कों के नाम बदलने के मामले में इससे पहले कई आवेदन खारिज किए जा चुके हैं। यही नहीं इस संबंध में शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से साफ दिशानिर्देश हैं कि किसी भी ऐतिहासिक रोड का नाम बदला नहीं जाएगा। नियम में यह भी व्यवस्था है कि अगर काउंसिल चाहे तो इस पर विचार किया जा सकता है। लुटियन जोन में कोई ऐसी सड़क नहीं बची है, जिसका नामकरण नहीं हुआ हो।
एनडीएमसी के उपाध्यक्ष करण सिंह तंवर का कहना है कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सबसे लोकप्रिय शख्सियत थे, इसलिए उनके नाम पर विचार किया गया और काउंसिल के सभी तेरह सदस्यों ने इस पर सहमति जताई। इस संबंध में कानूनी राय भी ले ली गई है। रोड का नाम बदलने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी एनडीएमसी की छह सड़कों के नाम बदले जा चुके हैं। लुटियन जोन में ज्यादातर रोड के नाम आजादी के बाद रख दिए गए थे, जिनमें से एक औरंगजेब रोड भी है। करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी इस रोड पर कुछ सांसदों के घर हैं। औरंगजेब रोड नाम बदले जाने को लेकर पहले विवादों में रह चुका है।
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