केंद्रीय कोयला एवं उर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने भरोसा जताया है कि भारत आगामी सात वर्षों में अपना विद्युत उत्पादन दोगुना करने में सक्षम होगा। गोयल ने कहा कि ‘ हम भारत के प्रत्येक नागरिक को चौबीसों घंटे बिजली मुहैया कराने पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम डीजल से उत्पन्न बिजली को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में यह दु:ख की बात है कि हमें कई हजारों करोड़ रुपए डीजल से उत्पन्न विद्युत पर खर्च करने पड़ते हैं जो काफी मंहगा है। इसका वित्तीय बोझ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देश के लोगों को उठाना पड़ता है।’ उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘ इनके स्थान पर ताप, गैस, परमाणु या अक्षय उर्जा का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है और इससे काफी मांग पैदा होगी।
मुझे भरोसा है कि आगामी सात वर्षों में भारत अपनी विद्युत उत्पादन क्षमता 10 खरब इकाइयों से बढ़ाकर 20 खरब इकाइयां कर लेगा।’ गोयल ने कहा, ‘इससे उस समस्या का हल हो जाएगा जिसका सामना संयंत्र कर रहे हैं और इससे 17,500 मेगावॉट में से अक्षय उर्जा की काफी बड़ी मात्रा खपत करने में मदद मिलेगी जिसे हम स्थापित कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरी चिंता है कि उत्पादन लागत कम करने की आवश्यकता है। हमें बिजली की चोरी कम करने और तकनीकी नुकसानों को कम करने की आवश्यकता है।’
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