गुजरात में कल रात हुई जबरदस्त हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं के बीच अहमदाबाद, सूरत और मेहसाणा में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस ने बताया कि अहमदाबाद के नौ क्षेत्रों मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के विधानसभा क्षेत्र में आने वाले घाटलोडिया तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के क्षेत्र नाराणपुरा के अलावा रामोल, वाडज, कृष्णानगर, नारोडा, ओढव, निकोल और बापूनगर में आज तड़के कर्फ्यू लगा दिया गया।
इसके अलावा दक्षिणी शहर सूरत में काकोडरा और सरथाणा में तथा उत्तर गुजरात के मेहसाणा शहर और मेहसाणा जिले के विसनगर और ऊंझा में भी कर्फ्यू लगाया गया है। इन इलाकों में अर्धसैनिक बलों के जवान गश्त लगा रहे हैं। गुजरात में राजनीतिक रूप से मजबूत पटेल समुदाय को अन्य पिछडा वर्ग (ओबीसी) में शामिल कर आरक्षण का लाभ देने की मांग के समर्थन में कल यहां आयोजित पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की विशाल क्रांति रैली के बाद हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच मुख्यमंत्री आनंदी पटेल को सभा स्थल पर आकर उनका ज्ञापन लेने की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ इसके संयोजक हार्दिक पटेल समेत अन्य कार्यकर्ताओं को पुलिस ने देर शाम वहां से जबरन उठा दिया तथा उन्हें हिरासत में लेकर चले गये।
इसके बाद से पूरे राज्य में हिंसक घटनाओं और आगजनी का दौरा शुरू हो गया। भीड ने गृह राज्य मंत्री रजनी पटेल के मेहसाणा स्थित आवास पर भी पथराव और आगजनी कर दी। संगठन के समर्थकों ने राज्य सरकार के प्रवक्ता तथा स्वास्थ्य मंत्री नीतिन पटेल के कडी के बंद पडे आवास को भी निशाना बनाया। थोडी देर बाद ही हार्दिक और उनके साथ हिरासत में लिये गये लोगों को छोड़ दिया गया। सरकार ने उनकी गिरफ्तारी के प्रकरण की जांच के आदेश भी दिये हैं।
फिर भी देर रात तक हिंसा का दौर जारी रहा। पूरे राज्य में 150 से अधिक गाड़ियों ,जिनमें 70 से अधिक सरकारी बसें और कई पुलिस वाहन भी शामिल हैं, तथा कई सरकारी कार्यालयों को जला दिया गया। बसों में से 30 अहमदाबाद में तथा 25 सूरत में जलायी गयीं। अहमदाबाद, सूरत और राजकोट में बीआरटीएस बस सेवा के जनमार्ग को भी व्यापक नुकसान पहुंचाया गया। भीड ने कई पुलिस चौकियों को भी जला दिया। कुछ स्थानों पर पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया।
हार्दिक पटेल की ओर से आज राज्यव्यापी बंद के आहवान के बीच सभी स्कूल कॉलेजों को बंद रखा गया है। सभी इलाकों में व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी बंद हैं। मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है। उन्होंने आज केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत की जिन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त केंद्रीय बल मुहैया कराने की बात कही। उधर अफवाहों पर रोक के लिए कल मध्य रात्रि से अहमदाबाद तथा अन्य हिंसाग्रस्त इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं।
उधर आज भी शहर के कई इलाकों में पुलिस के कथित लाठीचार्ज के विरोध में कलोल मेहसाणा रोड पर भीड ने चक्काजाम कर दिया है। हिंसा का दौर दरअसल कल की रैली के दौरान ही छिटपुट तौर पर शुरू हो गया था। जीएमडीसी मैदान में आयोजित पटेल अनामत आंदोलन समिति की सभा तथा इसके बाद इसके कथित समर्थकों ने शहर के मानसी सर्किल, एलिसब्रिज, नारोल तथा कुछ अन्य इलाकों में जबरन दुकानों को बंद कराया और तोड़फोड़ की थी।
वाडज इलाके में रैली पर हुए पथराव के बाद भी पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। कल की हिंसक घटनाओं तथा पुलिस की लाठीचार्ज में कई पत्रकार और कैमरामैन तथा फोटोग्राफर भी घायल हुए थे पर शाम तक माहौल शांत हो गया था लेकिन अचानक रात लगभग आठ बजे धरने पर बैठे हार्दिक और उनके समर्थकों को हिरासत में लिये जाने के बाद सबकुछ बदल गया।
अहमदाबाद से शुरू हुई हिंसा, वडोदरा और मेहसाणा होते हुए सौराष्ट्र तथा दक्षिण गुजरात के सूरत तक फैल गयी। जबरदस्त अफरातफरी के बीच हार्दिक को छोड़ना पड़ा तथा मुख्यमंत्री को शांति की अपील जारी करनी पडी। हालांकि इसके बावजूद देर रात तक हिंसा का दौर जारी रहा। उग्र भीड़ ने मेहसाणा के कडी में स्वास्थ्य मंत्री तथा आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए गठित सात सदस्यीय मंत्री समिति के अध्यक्ष नीतिन पटेल के बंद पडे निजी आवास पर भी हमला किया और गृहराज्य मंत्री रजनी पटेल के मेहसाणा आवास में पथराव के बाद आगजनी का प्रयास किया।
कडी नगरपालिका भवन तथा विसनगर की पुलिस चौकी समेत कई चौकियों में भी भीड ने आग लगा दी थी। सरकारी बस डिपों में खडे कई बसों में भी आग लगा दी गयी। राजकोट में भीड ने 200 फीट रिंग रोड में बीआरटीएस के बस अड्डों पर हमला कर कर क्षतिग्रस्त कर दिया, जबकि सूरत में भीड ने हीराबाग चेकपोस्ट में आग लगा दी। जामनगर में पुलिस के एक आला अधिकारी भी भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास में घायल हो गये। कई स्थानों पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया। आननफानन में लगभग आधी रात को मेहसाणा तथा विसनगर और ऊंझा तथा तड़के लगभग पौने तीन बजे अहमदाबाद के नौ और सूरत के दो इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया।
इससे पहले छूटने के ठीक बाद हार्दिक ने पुलिस मुख्यालय के निकट कहा कि उनका आंदोलन यथावत जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार शांति की इच्छा नहीं रखती। हालांकि बाद में उन्होंने जारी वीडियो संदेश में लोगों से शांति बनाने की रखने की अपील की। उधर मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय ने समिति के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई पुलिस कार्रवाई के पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं। गृह मंत्री श्री पटेल ने कहा कि उनके विभाग ने सभा स्थल पर पुलिस को कार्यवाही की अनुमति नहीं दी थी।
इससे पहले प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने जीएमडीसी मैदान में बने मंच पर धरने पर बैठे हार्दिक तथा उनके साथियों को कल शाम जबरन वहां से उतार लिया। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया जिसमें कई पत्रकारों को भी चोटे आयीं तथा उनके वाहन और उपकरण क्षतिग्रस्त हो गये।
देर रात अहमदाबाद शहर में भूयंगदेव तथा के के नगर के निकट दो बसों तथा सोला, चांदलोडिया और मानवनगर में पुलिस चौकियों, बसों तथा पुलिस वाहन समेत अन्य वाहनों में आग लगा दी गयी। शहर में कई अन्य बसों में भी आगजनी तथा तोडफोड की गयी। शहर की सभी सिटी बसों को सड़क से हटा लिया गया है। शहर के कई इलाकों में पथराव तथा हंगामा हुआ।
घाटलोडिया में के के नगर चार रास्ते के निकट पटेल समिति कथित समर्थकों की भीड दो पुलिसकर्मियों को हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। राज्य में कई स्थानों पर बसों और ट्रकों तथा अन्य वाहनों को भी आग लगाने और सडक जाम करने की घटनाएं हुई। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति पिछले माह से ही पटेल समुदाय को ओबीसी में शामिल कर आरक्षण दिये जाने की मांग के साथ राज्य भर में रैलियां निकाल रही है। अब तक इसनें लगभग 140 रैलियां निकाली है जिनमें से सबसे बडी कल यहां निकाली गयी थी जिसमें चार लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया था। इसके लिए पूरे शहर में 18000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये थे।
रैली के बाद हुए घटनाक्रम के मद्देनजर राजधानी गांधीनगर में मंत्रियों के आवास तथा अन्य विशिष्ट इलाकों में सीमा सुरक्षा बल की तैनाती कर दी गयी है। पूरे राज्य मे सुरक्षा चौकसी जारी है हालांकि अब भी कई इलाकों में तनावपूर्ण शांति का माहौल है।
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