बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने खगड़िया के पड़बत्ता में आयोजित चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मोदी जी कहते थे कि 10 से 15 लाख रुपये हर गरीब को कालाधन वापस लाकर देंगे, लेकिन आज तक कुछ न मिला. यहां तक कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बाद में कह दिया कि वो तो चुनावी जुमला था.
प्रधानमंत्री के चुनावी पैकेज पर प्रहार करते हुए नीतीश ने कहा 1 लाख 65 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का हमने पर्दाफाश कर दिया है. उसमें कई योजनाओं को रिपैकजिंग करके दोबारा से चुनाव में बेचने की कोशिश की गई है. अब बीजेपी के लोग कहते हैं कि वो विकास की बात करते हैं. लेकिन किसके विकास की बात करते हैं. कुछ कारपोरेट का विकास जरूर हुआ है. अच्छे दिन तो उनके मित्रों के आ गए गए हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार का विकास कोई बाहरी नहीं करेगा. कोई बिहारी ही यहां का विकास कर सकता है. गुजरात के विकास का मॉडल को बिहार में बताया जा रहा है. लेकिन कोई ये भी बताएगा कि 1500 सरकारी पोस्ट के लिए गुजरात में 8 लाख लोगों ने क्यों आवेदन किया था. अगर विकास हुआ होता तो क्यों इतनी बड़ी बेरोजगारी संख्या में युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं. सीएम नीतीश ने गुजरात मॉडल पर निशाना साधते हुए कहा कि कितनी महिलाएं वहां कुपोषण और शोषण की शिकार हैं. इसको क्यों छिपाया जा रहा है?
नीतीश कुमार ने कहा कि प्रचार माध्यमों में कब्जा करते जुमलेबाजी के दम पर दिल्ली का चुनाव जीत लिया, अब बिहार में अभी वही दोहराना चाहते हैं. ऐसा यहां नहीं होगा.

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