गुजरात के अरवल्ली जिले के तेनपुर में कल बिना अनुमति के एक सभा संबोधित करने के बाद पुलिस कार्रवाई के दौरान रहस्यमय ढंग से गायब हो गये पटेल अनामत आंदोलन समिति (पास) के संयोजक हार्दिक पटेल का आखिरकार आज पता चल गया। उन्हें अदालत के समक्ष पेश करने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में कल मध्य रात्रि के बाद लगभग दो बजे बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (हेबियस कार्पस) दायर करने वाले कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक तथा वरिष्ठ अधिवक्ता बी एम मंगुकिया ने बताया कि हार्दिक ने उन्हें आज फोन तथा एसएमएस संदेश के जरिये बताया कि पुलिस ने उन्हें सुरेन्द्रनगर के धांगध्रा और मालिया के बीच छोड दिया था। वह मुश्किल में हैं। उन्होंने बताया कि वह हार्दिक के साथ दिनेश पटेल के साथ गाडी से उन्हें लेने जा रहे हैं। इस बीच हार्दिक ने एक स्थानीय चैनल से बातचीत में दावा किया कि उन्हें रात भर उनकी गाडी में रख कर इस बात की धमकी दी गयी थी कि वह अपना आरक्षण आंदोलन छोड दें। उधर गांधीनगर के रेंज हाई जी हंसमुख पटेल ने बताया कि उन्हें हार्दिक के मिलने की आधिकारिक सूचना नहीं है। उनका पता चलते ही उन्हें माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि पुलिस ने बार बार कहा था कि हार्दिक को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था और वह भाग गये थे। हालांकि दिनेश पटेल ने दावा किया था कि उन्हें उनके आंखों के सामने पुलिस ने पकडा था। रात लगभग दो बजे न्यायमूर्ति एम आर शाह की अदालत में हार्दिक को सामने लाने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर होने के बाद उन्होंने इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि कल यानी 24 सितंबर को तय कर दी। वकील श्री मंगुकिया ने पहले अदालत के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयंत पटेल के पास अर्जी दी। उनके निर्देश पर न्यायमूर्ति शाह ने अपने आवास पर मामले की रात दो बजे के बाद सुनवाई की। इस मामले में गांधीनगर के रेंज आईजी हंसमुख पटेल तथा अन्य पुलिस अधिकारियों और राज्य सरकार को पक्षकार बनाया गया है। अरवल्ली जिले में सभा करने के बाद पुलिस ने वहां और अहमदाबाद में कार्रवाई कर हार्दिक के कई करीबी सहयोगियों समेत कम से कम 15 लोगों की धरपकड की। उनके पास से बरामद छह वॉकी टॉकी सेट और 17 मोबाईल फोन को भी जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला गांधीनगर में भेजा गया है। गुजरात में पटेल अथवा पाटीदार समुदाय को आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे पास नेता हार्दिक की गत 25 अगस्त की गिरफ्तारी के दौरान हुई राज्यव्यापी हिंसा में दस लोगों की मौत हो गयी थी। उन्हें गत 19 सितंबर को सूरत में भी बिना अनुमति एकता यात्रा निकालने के प्रयास में पकडा गया था। हार्दिक और उनके सहयोगियों के खिलाफ अरावल्ली के आंबलियारा थाने में धारा 188 के तहत सरकारी आदेश को भंग करने का मामला दर्ज कराया गया है।

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