रेलवे ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची की समस्या से निजात पाने और यात्री वहन क्षमता का पूरा पूरा दोहन करने के लिये ‘विकल्प’ सुविधा का ट्रायल कल से शुरू करने जा रही है। रेलवे बोर्ड के सूत्राें ने आज यहाँ बताया कि एक नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना को आरंभ में छह माह के लिये दिल्ली-जम्मू अौर दिल्ली-लखनऊ मार्गों पर शुरू किया जाएगा। छह माह पश्चात इससे प्राप्त अनुभव की समीक्षा की जाएगी जिसके आधार पर इसे अन्य मार्गों पर लागू करने का निर्णय लिया जाएगा। इस सुविधा का नाम ‘विकल्प’ रखा गया है। इस सुविधा के अंतर्गत यात्रियों को उनके द्वारा वाँछित गाड़ी में आरक्षण ना मिलने पर किसी अन्य गाड़ी में आरक्षण देने का विकल्प चुनने का प्रस्ताव दिया जाएगा।
अगर यात्री को यह सुविधा चाहिये तो फिर उस मार्ग पर चलने वाली किसी भी गाड़ी में सीट कन्फर्म की जा सकेगी। सूत्रों के अनुसार यह सुविधा समान स्तर की गाड़ियों के लिये होगी। इस सुविधा का मतलब कन्फर्म सीट की गारंटी कतई नहीं है। कन्फर्म सीट दूसरी गाड़ी और उसमें सीट की उपलब्धता पर निर्भर हाेगी। इस सुविधा के लिये ना तो रेलवे काेई अतिरिक्त प्रभार वसूलेगी और ना ही यात्री को कोई रिफंड आदि प्रदान करेगी। रेलवे ने विकल्प सुविधा का उपयोग करने वाले पूर्णत: वेटलिस्टेड टिकट के यात्रियों को सलाह दी है कि आरक्षण चार्ट बनने के बाद अपने पीएनआर नंबर को पुन: जाँच लेना चाहिये ताकि उन्हें सही स्थिति का पता चल सके। रेलवे ने लंबी प्रतीक्षा सूची की समस्या से निपटने के लिये कई कदम उठाये हैं। इनमें सुविधा ट्रेनों का संचालन, तत्काल टिकटों की दलाली रोकने के लिये कड़े कदम आदि शामिल हैं।
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