पटना। कुर्जी दियारा क्षेत्र में प्रशासन द्वारा चापाकल लगाया जा रहा है। फोर लाइन से दक्षिण 200 फीट चैड़ी और 15 सौ लम्बाई में जमीन है। कोई साढ़े ग्यारह बीघा जमीन पर बिन्द टोली के 205 परिवारों को बसाया जाएगा। वहीं बिन्द टोली के लोग आशियाना हटाना नहीं चाह रहे हैं। वहां पर मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। फोर लाइन और गंगा किनारे के बीच में बिन्द लोगों को बसाया जा रहा है। यहां पर आसानी से गंगा का पानी चढ़ जाता है। इसी जगह पर लोगों को आश्रय दिया जा रहा है।
चापाकल लगाने वालों का कहना है कि 100 फीट पर काम तमाम कर दिया गया है। 80 फीट पर पानी मिल रहा है। यह भी कहते हैं कि लाल बालू आने पर छोड़ दिया जा रहा है। लाल बालू के बाद मिट्टी मिल रही है। अच्छा है कि लाल बालू पर ही छोड़ दिया जाए। वहीं अभी तक जमीन पर मिट्टी भरा नहीं गया है और न पुल ही निर्माण किया गया है। राह भी नहीं है। बहुत ही धूल है। जो शरीर को गंदा करने को पर्याप्त है।
पाटलिपुत्र स्टेशन से उत्तर की ओर जाने वाले रेलखड को दुरूस्त करने में मजदूर लग गए हैं। कोई तीन माह के बाद ही रेल परिचालन लायक बन सकेगा। इस बीच पाटलिपुत्र स्टेशन से गंगा पार के गाड़ी परिचालन की जोरों पर संबंधी तैयारी पर जोर का झटका धीरे से देकर सीआरएस पीके आचार्य चले गए हैं। उस समय हालांकि कई खामिया उजागर हुआ है। इसको दूर करने का आदेश सीआरएस पीके आचार्य ने दिया है। मिट्टी की परख की गयी। मैन लाइन में ही दो नट और बोल्ट नहीं लगाया गया है। इस पर सीएमआर भड़क गए और डीआरएम आरके झा को बुलाकर लोगों को निलम्बित कर देने का परामर्श दे डाला।
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