नयी दिल्ली 28 दिसंबर, देश की जरूरतों के अनुरुप युवाओं में क्षमता और कौशल विकास के लिये इस वर्ष ‘स्किल इंडिया’ अभियान शुरु करने के साथ ही सरकार ने बीते वर्ष में एक लाख 73 सीटोें के साथ एक हजार से अधिक नये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) खाेले । नये आईटीआई की स्थापना के साथ ही इनकी संख्या बढ़कर 13105 हो गयी है तथा इनमें सीटों की संख्या बढकर कुल 18 लाख 70 हजार हो गयी है। इनमें 126 पाठ्यक्रमों (ट्रेड) में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आईटीआई में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों जैसे फिटर, कारपेंटर, पेंटर, दर्जी, इलेक्ट्रिशियन और मैकेनिक आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। नरेंद्र माेदी सरकार ने युवाओं में देश के विकास के अनुसार क्षमता और काैशल विकसित करने के लिए एक विशेष अभियान ‘स्किल इंडिया’ शुरू किया। ‘स्किल इंडिया’ का मकसद उद्देश्य सभी भारतीयों को स्वयं और अपने परिवारों के लिए बेहतर भविष्य प्राप्त करने और इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए अवसर प्रदान करना है।
देश की कुल आबादी का 54 प्रतिशत हिस्सा 25 वर्ष से कम आयु का है और 62 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा कामकाजी आयु समूह है। इसके बावजूद भारत की मात्र 4.69 प्रतिशत आबादी ही औपचारिक कौशल शिक्षा प्राप्त है। वर्ष 2025 तक दुनिया की कामकाजी आबादी (18.3 प्रतिशत) मेें हर पांचवा व्यक्ति भारतीय होगा। सरकार ने कौशल विकास की महत्ता का स्वीकार करते हुए नवंबर, 2014 में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का गठन किया। कौशल विकास के लिए ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ जुलाई, 2015 में आरंभ की गयी। इस योजना के तहत अगले वर्ष 24 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा, जिनमें से 14 लाख नए प्रशिक्षु होंगे। इसके अलावा 50 हजार दिव्यांग (विकलांग) व्यक्तियों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को श्रम और रोजगार मंत्रालय से इस वर्ष अप्रैल में कौशल विकास मंत्रालय को स्थानांतरित कर दिया गया। इन संगठनों के पुनरुद्धार के लिए पाठ्यक्रम का उन्नयन, औद्योगिक संपर्कों को मजबूत बनाना, प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या में वृद्धि, आईटीआई के साथ सुविधाओं और उपकरणों को आधुनिक बनाया गया। इसके अलावा इन क्षेत्रों में युवाओं के लिए रोजगार अवसरों के सृजन के लिए 34 नक्सल प्रभावित जिलों में 34 प्रौद्योगिकी संस्थान और 68 कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना की जा रही है।
इसी वर्ष नियोक्ताओं को प्रोत्साहन देने हेतु में प्रशिक्षुता अधिनियम में सुधार किया गया। प्रशिक्षुओं में चार गुना वृद्धि को सक्षम बनाने के लिए जून, 2015 को नवीन प्रशिक्षु नियम अधिसूचित किये गये। उद्योगों के बीच समर्थन अभियान चलाये गये और ऑन लाइन पोर्टल का शुभारम्भ किया गया। कौशल विकास के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, इस्पात, खान, रेलवे, रक्षा और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, उर्वरक विभाग अौर औषध विभाग के साथ साझेदारी की गयी। कौशल विकास के क्षेत्र में शामिल निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साझेदारों ने 24.93 लाख लोगों को दक्ष किया है और करीब 12 लाख लोगों को नियुक्त किया है। कौशल विकास मंत्रालय ने उद्यमशीलता, सहयाेग , प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम विकास में वृद्धि और देश भर में कौशल प्रशिक्षण में उत्कृष्टता केन्द्रों के निर्माण और मानकों को सुनिश्चित करने के लिए जर्मनी, ब्रिटेन, चीन और ऑस्ट्रेलिया के साथ समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किये गये हैं।

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