नयी दिल्ली, 18 जनवरी, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित 21 आरोपियों को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने की आपराधिक साजिश रचने के आरोपों से बरी किये जाने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में चार सप्ताह के लिए टल गई है। शीर्ष अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अपील की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। न्यायालय का यह स्थगनादेश उस वक्त आया जब विभिन्न पक्षों ने जरूरी दस्तावेज पेश करने के नाम पर कुछ समय मांगे। न्यायालय ने इनके वकीलों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई स्थगित की। सीबीआई ने इन आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने के अभियोग से बरी किये जाने को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
विवादित ढांचा विध्वंस मामले में दो मुकदमे दर्ज हैं। पहला मामला श्री आडवाणी सहित उन नेताओं के खिलाफ दर्ज है, जो छह दिसम्बर 1992 को मस्जिद ढहाये जाने के दौरान मंच पर उपस्थित थे, जबकि दूसरा मामला विवादित ढांचा के इर्द-गिर्द जुटे कारसेवकों के खिलाफ है। जांच एजेंसी ने श्री आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार और अशोक सिंघल सहित 21 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं (153ए, 153बी और 505) के तहत आरोप पत्र दायर किये थे। निचली अदालत ने इन सभी को आपराधिक साजिश रचने के आरोपों से मुक्त कर दिया था।

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