पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में स्मार्ट सिटी बनाने से पलटने का केन्द्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में बिहार विधानसभा चुनाव पूर्व लिए गए अपने निर्णय से पलट गयी है। पटना में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुये नीतीश ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिये केन्द्र सरकार ने बिहार सरकार से प्रस्ताव मांगा था और सरकार की ओर से बाकायदा केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रस्ताव भेजा गया था। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पहले पूरे देश के लिए स्मार्टसिटी बनाने की बात कही थी। आज मात्र 20 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने शहरों की संख्या सीमित कर ली और बिहार के किसी शहर को उन्होंने स्मार्ट सिटी के रूप में नहीं लिया।
नीतीश ने कहा कि केन्द्र सरकार ने बिहार के शहरों में से कुछ शहरों को स्मार्ट सिटी के लिए चयन किया था। चयन करने के बाद जो उन्होंने शर्त रखी और जिस प्रकार से प्रस्ताव रखा सब कुछ भेजा गया। विधानसभा चुनाव के पूर्व ही केन्द्र सरकार द्वारा निर्णय लिया जा चुका था। अपने तैयार कराये गये प्रस्ताव पर भी वे अमल नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए मात्र 20 शहरों का चयन किया गया है जिसमें बिहार का कोई शहर नहीं है। यह उनकी मर्जी है।
नीतीश ने कहा कि स्मार्टसिटी बनाने का उनका फैसला है। इसके चयन के लिए मापदण्ड तय करने का उनका फैसला है और उसके बाद विभिन्न राज्यों में स्मार्टसिटी चयन करने का भी उनका ही फैसला है। उन्होंने कहा, ‘बिहार ने केन्द्र सरकार की सारी शर्तों को पूरा करते हुये प्रस्ताव भेजा था। उसके बाद भी अपने पूर्व के लिए गये निर्णय से पलटना उनका फैसला है। यही है अंधेर नगरी।’ विदुपुर 6 लेन पुल को लेकर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए नीतीश ने कहा कि इस पुल का शिलान्यास नहीं होना है बल्कि रविवार को उसका कार्यारम्भ होगा। शिलान्यास विधानसभा चुनाव के पूर्व ही हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में कोष और एक-एक चीज के लिए परियोजना बनने के बाद इसका शिलान्यास हुआ था। शिलान्यास और कार्यारम्भ के बीच मात्र 4 महीने का समय लगा है।
नीतीश ने अपने विरोधियों पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘ये लोग कहते हैं कि हर खंबे का शिलान्यास होगा। यही ये लोग कर रहे हैं। जब मेरे साथ थे तो कार्यक्रम में जाते नहीं थे और शिलापट्ट पर अपना नाम लिखने के लिए बाध्य करते थे। यह उन लोगों की आदत है।’ उन्होंने कहा कि दीघा से सोनपुर रेलवे सह सड़क पुल का शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से तत्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान ने बिना कुछ कराये करा दिया। नीतीश ने कहा कि जब वे रेल मंत्री थे तो पैसे का इंतजाम तथा मंजूरी कराकर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से कार्यारम्भ कराया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गांधी मैदान से रिमोट से कार्यारम्भ किया, तब दीघा से कार्य प्रारंभ हुआ। उन्होंने कहा कि हम नाम में नहीं काम में विश्वास करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी प्रचार करने के बाद भी विधानसभा चुनाव में कोई फायदा नहीं हुआ तो ये लोग बिल्कुल हताशा में है। नीतीश ने आरोप लगाया कि दीदारगंज 6 लेन पुल जो बन रहा है, उसे रोकने की उन्होंने बड़ी साजिश की और कहा कि केंद्र सरकार बनायेगी। हमने कहा कि परियोजना तैयार है उसी पर काम हो लेकिन तैयार नहीं हुये। इसमें पांच वर्षों का समय लगता। उन्होंने कहा कि हम पांच साल से विदुपुर 6 लेन पुल के काम में लगे हुये थे। पहले कोशिश की कि पीपीपी मोड में आ जाये, पीपीपी मोड में नहीं आया तो राज्य सरकार ने एडीबी से कर्ज लेने के बाद सारी प्रक्रिया पूरी की। उन्होंने कहा कि दीदारगंज 6 लेन पुल में एडीबी का भी पैसा लगेगा और राज्य सरकार का भी पैसा लगेगा।
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