नयी दिल्ली 02 जनवरी, पठानकोट के वायुसैनिक अड्डे पर आतंकवादी हमले के बावजूद भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की इस माह के मध्य में होने वाली बैठक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी। पूर्व में इस तरह के हमलों से ऐसी द्विपक्षीय बैठकें रद्द की जातीं रहीं हों पर इस बार सत्तारूढ़ राजनीतिक प्रितष्ठान से आ रहे बयानों की भाषा से जाहिर है कि शांति प्रक्रिया इस बार नहीं टलेगी। बयानों में कहा गया है कि पाकिस्तान में भारत विरोधी ताकतें शांति प्रक्रिया को बेपटरी करने की कोशिश कर रही है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में मुम्बई के आतंकवादी हमले ने भारत पाकिस्तान के बीच समग्र शांति प्रक्रिया को रोक दिया था जिसे अब बहाल करने के प्रयास शुरू किये गये हैं। दोनों देशों के विदेश सचिवों की आगामी बैठक में समग्र शांति प्रक्रिया के अगले छह माह के रोडमैप पर बातचीत होगी।
विदेश सचिवों की बैठक का निर्णय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पिछले माह इस्लामाबाद यात्रा के दौरान उनके समकक्ष सरताज अजीज के साथ बैठक में लिया गया था। बाद में क्रिसमस के दिन के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की संक्षिप्त लाहौर यात्रा ने इस प्रक्रिया को फिर से पटरी पर लाने में भरोसे का संचार किया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया को बेपटरी करने वालों को पराजित करेगा। श्री सिंह ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहता है। श्री कोहली ने कहा कि जब भी दोनों देश बात करते हैं तो कुछ ताकतें इसे विफल करने की कोशिश करतीं हैं। भारत ऐसी ताकतों को पराजित करेगा। पाकिस्तान ने भी पठानकोट हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है और कहा है कि वह भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के खात्मे के लिए काम करेगा।

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