नयी दिल्ली, 29 फरवरी, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के बीच विकास की गति में तेजी लाने के उद्देश्य से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुनियादी ढांचे तथा गरीबों , किसानों और युवाओं के लिए झोली खोल दी लेकिन संसाधन जुटाने के उनके कुछ कदमों से वेतनभोगी कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है। श्री जेटली ने आज संसद में अपना दूसरा पूर्ण बजट पेश करते हुये सुधारों को आगे बढाने के साथ साथ सडक , बिजली जैसी बुनियादी सुविधाआें को विशेष तवज्जो देते हुये ग्रामीण विकास और किसानों की स्थिति बेहतर बनाने पर ध्यान केन्द्रित किया है। पिछले कई वर्षाें से कृषि विकास दर में जारी गिरावट से चिंतित मोदी सरकार ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के लिए 35984 करोड रुपये का आवंटन किया है और सभी सेवाओं पर आधा प्रतिशत कृषि कल्याण उपकर लगाकर संसाधन जुटाने की कवायद की है।
अगले पांच वर्षाें में किसानों की आमदनी दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ग्रामीण विकास का आवंटन बढाकर 87765 करोड रुपये तथा बुनियादी ढांचे के लिए 2.21 लाख करोड रुपये का प्रावधान किया है। ग्राम पंचायतों और नगरपालिकाओं के लिए अनुदान के रुप में 2.87 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है। सेवा कर में सीधे सीधे बढोतरी नहीं की गयी है लेकिन आधी फीसदी कृषि कल्याण उपकर लगाया गया है जिससे यह 14.5 प्रतिशत से बढकर 15 फीसदी हो गया है। उम्मीद के विपरीत श्री जेटली ने व्यक्तिगत आयकर के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया पर छोटे करदाताओं को राहत देने की कोशिश की है लेकिन कर्मचारी भविष्य निधि से निकासी पर कर लगाया जाना वेतनभाेगी कर्मचारियों के लिए बडा झटका है। श्री जेटली के कर प्रस्तावों से छोटे मकान के अलावा जूता चप्पल, सेटटाॅप बाक्स, हाईब्रिड वाहन और सैनेटरी पैड सस्ते हो जायेंगे जबकि लक्जरी कारों के साथ ही छोटी कारें और एसयूवी , सोने के गहने, ब्रांडेड कपडे, ब्यूटी पार्लर की सेवायें महंगी हो जायेंगी।
वित्त मंत्री ने नये कर प्रस्तावों से 19 हजार करोड रुपये से अधिक की राशि जुटाने की व्यवस्था की है। वित्त मंत्री के बजट पेश करते ही शेयर बाजार पांच सौ अंक से अधिक लुढक गया लेकिन आखिर में कुछ संभलते हुये 150 अंकों से अधिक की गिरावट पर बंद हुआ। उद्योग जगत ने जहां बजट की तारीफ की है वहीं विपक्ष ने इसे दिशाहीन और निराशाजनक बताते हुये इसे अमीर और बडे उद्यगपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बताया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट को देशवासियों के सपने को साकार करने वाला बताते हुये इसे गांव, गरीब, किसान और युवाओं पर केन्द्रित बताया है। वित्त मंत्री ने इसे रॉबिनहुड बजट मानने से इंकार करते हुये कहा कि उन्होंने गरीबों किसानों पर ध्यान केन्द्रित जरूर किया है लेकिन इसके लिए अमीरों की जेब पर अधिक भार नहीं डाला है।
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