पटना, 23 अप्रैल। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 5-6 मई को राज्य के सभी जिलों मेें ‘‘सूखा राहत दिवस’ मनायेगी। राज्य में सुखाड़ एवं असहय गर्मी तथा तेज लू लहर से उत्पन्न अनेक तरह के संकटों से आम लोगों को राहत दिलाने के वास्ते उस दिन प्रत्येक जिला मुख्यालय में धरना, जूलूस, प्रदर्षन आदि का आयोजन किया जायेगा।आज यहां पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने प्रेस के लिए जारी अपने एक बयान में कहा कि राज्य में सुखाड़ की स्थिति पैदा हो गई है। तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर चला गया है। भयानक तेज लू लहर चल रही है। इन सब कारणों से पेयजल संकट गहराता जा रहा। भू-जल स्तर बहुत नीचे चला जा रहा है। चापाकल, नदी-नाले, तालाब-पोखड़ और कुएँ सूख रहे हैं। भयावह गर्मी और तेज पछीया हवा के कारण राज्य में अगलगी की घटनाएं बढती जा रही है।औरंगाबाद जिले में एक ही घटना में तेरह व्यक्तियों की जानें चली गई। लू से भी लोगों के मरने की खबरें आ रही है। खेतों में लगी हरि सब्जियाँ झूलस रही है और बाजार में हरी सब्जियों की कमी हो गई है। इस भयावह स्थिति में फिलहाल सुधार के संकेत नहीं हैं। मानसून के पहले वर्षा की कोई आषा नहीं है। यानी अगले डेढ़-दो महीने तक बिहार सहित अनेक राज्यों की स्थिति इसी तरह भयावह बनी रहेगी। यह स्थिति आगे और ज्यादा बिगड़ने वाली है। बिहार में अभी शादी-ब्याह के लगन का मौसम है। बारात में पेयजल की ज्यादा जरूरत है। पैसे वाले व्यक्ति पानी खरीद कर अपना काम चला लेते हैं। लेकिन पानी खरीदने के लिए जिनके पास पैसे नहीं हैं, उन्हें भारी संकट झेलना पड़ रहा है। भले अभी मवेषियों के लिए चारा का संकट नहीं हैं। मगर आगे ऐसी हालत रही तो चारा संकट भी गहरायेगा।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी आम जनता को राहत दिलाने के लिए 5-6 मई को राज्यभर में सूखा राहत दिवस मानयेगी और राज्य एवं केन्द्र सरकार के सामने निम्नलिखित मांगे रखेंगी। बिहार की सूखे की स्थिति पर विचार करने के लिए अविलंब सर्वदलीय बैठक बुलावे। ग्रामीण इलाकों में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल आपूत्र्ति की व्यवस्था की जाय। ज्यादा गहराई वाले ज्यादा से ज्यादा चापाकल गाड़े जाय। पंचायतों के माध्यम से मनरेगा कार्यक्रम के तहत ग्रामीण इलाकों में नाला, पोखड़, कुएँ खोदे जायें तथा नदी -नालों की उडाही करायी जाय। बंद पड़े सभी सरकारी नलकूपों को चालू किया जाय। पशुओं के लिए चारा का बफर स्टाॅक की व्यवस्था की जाय। सहकारिता सहित सभी बैंक कर्जों की वसूली तत्काल रोक दी जाय। पंचायतों के माध्यम से सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों को विटामीनयुक्त फूड पैकेट मुफ्त दिये जाय। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बच्चोंध्महिलाओं और बुढ़ों को दूध पाउडर मुफ्त बांटा जाय। सभी सरकारी बकाये जैसे किसानों को फसल क्षतिपूत्र्ति का भुगतान केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किया जाय। सरकार के द्वारा प्रत्येक खेतिहर मजदूर, किसान और मछुआरे को अगले तीन महीने तक 3000 रूपया प्रतिमाह बतौर सुखाड़ पेंषन दिया जाय। सभी स्कूल एवं कालेज के छात्रों की फीस माफ कर दी जाय तथा सूखा प्रभावित क्षेत्र के छात्रों को मुफ्त भोजन, किताब एवं काॅपी दी जाय।

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