पंचायत सचिवालय होगा क्रियाशील : राजबाला वर्मा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 27 अप्रैल 2016

पंचायत सचिवालय होगा क्रियाशील : राजबाला वर्मा

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रांची, 27 अप्रैल, झारखंड के मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि जिन पंचायतों में पंचायत भवन पूर्ण हो चुके हैं वहां पंचायत सचिवालयों को क्रियाशील बनाया जाये तथा पंचायतों को स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल तथा अन्य बुनियादी समस्याओं के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये नीति तैयार करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने आज प्रोजेक्ट भवन में ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए यह निर्देश दिया कि जिन पंचायतों में भवनों के निर्माण संबंधी अड़चनें हैं उनकी सूची तैयार करें तथा निदान की दिशा में कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने यह भी कहा कि बालू घाटों की नीलामी से पंचायतों को प्राप्त होने वाली राशि का व्यय किस मद में हुआ और कितनी राशि किन-किन पंचायतों में शेष है इसका पूर्ण विवरण तैयार कर प्रतिवेदन दें। श्रीमती वर्मा ने कहा कि बीते तीन वित्तीय वर्षों में विभाग द्वारा व्यय की गई राशि का प्रतिशत काफी कम है इसलिये पूर्व के बिन्दुओं की समीक्षा करते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष में बजट के अनुरूप अधिक से अधिक राशि के व्यय की कार्ययोजना तैयार करें। 

श्रीमती वर्मा ने मनरेगा की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि योजना में कर्णांकित राशि के व्यय के लिए विभाग को हर माह कम से कम 250-300 करोड़ रुपये की राशि व्यय करने का लक्ष्य निर्धारित करना होगा। इसके लिये विभाग को मनरेगा योजना के चयन के लिए प्रखंड स्तर पर विशेष अभियान चलाया जाये साथ ही डोभा निर्माण के चयन के लिए सभी जिला के डीडीसी और बीडीओ के साथ बैठक सुनिश्चित कर जवाबदेही तय करें। उन्होंने कहा कि मनरेगा की राशि भुगतान के लिए प्रखंड स्तर पर बैंकों की मैपिंग का कार्य किया जाये और यह सुनिश्चित किया जाये कि लाभुकों तक बैंकों की कितनी पहुंच है। समीक्षा क्रम में यह भी निर्णय लिया गया कि 183 प्रखंडों में भवन निर्माण का सर्वे किया जायेगा जिनका निर्माण अगले तीन वर्षों को परिलक्षित करते हुए किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर जूनियर इंजीनियरों की बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ करें ताकि योजनाओं को पंचायत स्तर पर ही तैयार किया जा सके। साथ ही डीआरडीए में रिक्त पदों के लिये कार्यवाही करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि पंचायतों को ज्यादा से ज्यादा हाईटेक बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाओं से लैस करने के साथ-साथ आॅपरेटर के लिए पद का सृजन किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि ऐसे रोजगार सेवकों की सेवा अवधि विस्तार (रिन्युअल) न करें जो अपने कार्य के प्रति संवेदनशील न हों। 

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाई जाये साथ ही कम्युनिटी कैडर बनाये जायें ताकि आजीविका मिशन को एक नई दिशा दी जा सके। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों के बैंक खाता खुलवाना सुनिश्चित करें साथ ही उन बिन्दुओं को चिन्ह्ति करें जिनकी वजह से योजनाओं के क्रियान्वयन में चुनौतियां आ रही है और उनके समाधान के बिन्दुओं को भी चिन्हित करने की आवश्यकता है। उन्होंने आरईओ की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि ग्रामीण पथों के निर्माण के लिए ऐसी सड़कों का चयन करें जो लोकोपयोगी हो। उन्होंने कहा कि जिन पंचायतों में रोड कनैक्टिीविटी नहीं है उन पंचायतों को प्राथमिकता के आधार पर पीएमजीएसवाई के तहत जोड़ा जाना चाहिये। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मुख्यालय स्तर पर योजनाओं की माॅनिटरिंग के लिए पीएमयू का गठन किया जायेगा। बैठक में मुख्य रूप से ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एन एन सिन्हा, ग्रामीण कार्य विभाग के एम आर मीणा, मनरेगा, पंचायती राज के प्रवीण शंकर, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे। 

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