उज्जैन, 21 अप्रैल, मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में कल से शुरू होने वाले सिंहस्थ के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कल से शुरू होकर 21 मई तक चलने वाले सिंहस्थ के दौरान देश भर से करोडों श्रद्धालुओं के यहां आने की संभावना है। सिंहस्थ के कल सुबह से शुरू होने वाले शाही स्नान के लिए देश भर से साधु संत और नागा साधु यहां पहुंच चुके हैं। कल हनुमान जयंती के मौके पर होने वाले पहले शाही स्नान के लिए पुलिस प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर कडी सुरक्षा की व्यवस्था की है। जिला एवं पुलिस प्रशासन ने सिंहस्थ की सुरक्षा व्यवस्था के लिये सम्पूर्ण मेला क्षेत्र एवं शहर में सशस्त्र सुरक्षा बल तैनात कर दिया है। मेला क्षेत्र के दत्त अखाडा एवं मंगलनाथ में मेला क्षेत्र को जोडने वाली सडकों पर बैरिकेटिंग कर दी गई है। कुछ मार्गो को एकांगी कर दिया गया है। शहर को जोडने वालें विभिन्न मार्गो पर वाहनो एवं लोगो की चैंकिंग की जा रही है। रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड सहित होटलो एवं धर्मशालाओं पर नजर रखी जा रही है। इस बार मेले क्षेत्र की निगरानी के लिये आधा दर्जन से अधिक पुलिस अधीक्षक के अलावा प्रदेश के 25 हजार से अधिक पुलिसकर्मियो एवं अधिकारियो को तैनात किया है। कुल 125 पाइंट पर 481 सीसीटवी कैमरे और घाटों पर स्नान के दौरान 11 स्थानो पर विशेष निगरानी के लिये कैमरे लगाये हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा सिंहस्थ के लिए अब तक 35 सौ करोड से अधिक की राशि विभिन्न निर्माण कार्यो पर खर्च की जा चुकी है। राज्य सरकार द्वारा मेट्रो सिटी जैसी सडकें, चार फोरलेन, 141 करोड की लागत के चार रेलवे ओवर ब्रिज तथा चार क्षिप्रा नदी पर पुल एवं पांच तैरने वाले पुल बनाये गये। सिंहस्थ मेला क्षेत्र को छह जोन एवं 22 सेक्टरों में बांटा गया है। लगभग पांच हजार सफाईकर्मियों को मेला क्षेत्र में लगाया गया है। सिंहस्थ के दौरान दूसरा शाही स्नान अक्षय तृतीया पर नौ मई को और तीसरा 21 मई को होगा। सिंहस्थ के दौरान कुल 10 प्रस्तावित स्नान तिथियां हैं। इस बार के सिंहस्थ का एक मुख्य आकर्षण किन्नर अखाडा है। इस अखाडे की आज निकली पेशवाई में देश भर के हजारों किन्नर शामिल हुए। हालांकि इस अखाडे को अखिल भारतीय अखाडा परिषद् ने मान्यता नहीं दी है, लेकिन इसे मेला क्षेत्र में भूमि अावंटित की गई है। कुंभ स्नानों के लिये अखिल भारतीय अखाडा परिषद की अहम भूमिका होती है। इसमें शैव एवं वैष्णव सम्प्रदाय के 13 अखाडों के संत प्रमुख शामिल होते है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें