वाराणसी 30 अप्रैल, केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री डॉ0 नजमा हेपतुल्ला पारंपरिक शिल्प कलाएं भारत की अमूल्य धरोहर हैं, जिन्हें बचाने एवं बढ़ाने के लिए इंटरनेट के जरिये दुनियाभर में उसका प्रचार एवं बाजार उपलब्ध कराने के साथ.साथ स्कूली स्तर से पढ़ाई की व्यवस्था कोशिश की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आज “डिजाइन विकास की प्रदर्शन”, सेमिनार एवं इंटरनेट के जरिये भारत की शिल्पकारी को दुनियां के बाजार तक पहुंचाने की नई सेवा का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इस पेशे से जुड़े लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके जरिये शिल्पी अपनी कला कृतियों का प्रदर्शन तथा बिक्री ऑनलाइन तरीके से दुनियाभर में कर सकेंगे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, जिससे वे इस में रुचि लेंगे।
उन्होंने कहा कि कहा कि पैशन एवं कला जगत के नामचीन लोगों के साथ मिलकर दुनिया के बाजार में मांग के अनुरुप डिजाइन एवं समान तैयार किये जाएंगे। इसके लिए राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान भारतीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय पैकेजिंग संस्थान आदि से तालमेल कर बाजार के अनुरूप सामान तैयार करने एवं उसे दुनियाभर में पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि लकड़ी के खिलौने, पत्थर पर कारीगरी आदि के सामानों की मांग दुनियाभर में हैं, लेकिन उस देश के संस्कृति एवं जरूरतों के मुताबिक सामान तैयार नहीं होने के कारण वे खरीदने में कोई रूचि नहीं दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कलाओं से जुड़े लोगों को सस्ती दर पर कर्ज दिलाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके चौबीसों घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार को वह पत्र लिखकर गुजारिश करेंगी। बीएचयू परिसर में आयोजित प्रदर्शनी में लगभग 100 शिल्पकारों ने अपने कला का प्रदर्शन किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें