दावानल रोकने के लिए केन्द्र से पांच करोड रूपए की मदद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 1 मई 2016

दावानल रोकने के लिए केन्द्र से पांच करोड रूपए की मदद

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नयी दिल्ली, 01 मई, उत्तराखंड के हजारों एकड़ वन क्षेत्र को जलाकर खाक कर चुकी बेकाबू आग को नियंत्रित करने के लिए केन्द्र सरकार और सेना दोनों ने मोर्चो संभाल लिया है। केन्द्र ने जहां आग बुझाने में मदद के लिए राज्य सरकार को पांच करोड़ रुपए देने की घोषणा की है तो वहीं दूसरी और वायुसेना के दो मिग हेलीकाप्टरों ने अाग प्रभावित वन क्षेत्रों में उड़ान भरते हुए पानी का छिड़काव शुरु कर दिया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज सुबह यहां शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक में उत्तराखंड के वन क्षेत्रों में अाग से उत्पन्न हालात की समीक्षा की गई। बैठक में उत्तराखंड के मुख्य गृह सचिव सहित कई शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।श्री सिंह ने मंत्रालय के अधिकारियों को स्थिति पर करीबी नजर रखने का आदेश देने के साथ ही राज्य सरकार को आग बुझाने के काम में केन्द्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। इस बीच वन एंव पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने घोषणा की कि केन्द्र सरकार आग पर काबू पाने के लिए विभिन्न उपायों की घोषणा करने के साथ ही राज्य सरकार को तत्काल पांच करोड़ रूपए की मदद जारी करने की बात कही। श्री जावडेकर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पिछले 12 सप्ताह से धधक रही आग अबतक राज्य के 3 हजार एकड वन क्षेत्र काे अपनी चपेट में ले चुकी है। ऐसे में सरकार इसे बेहद गंभीरता से ले रही है और इस समय दावानल को काबू करना उसकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आग पूर्व चेतावनी के लिए उपग्रह की मदद लेने का फैसला किया है और इस चेतावनी प्रणाली का प्रायोगिक परीक्षण आज से ही शुरु किया जा रहा है। 

श्री जावडेकर ने कहा कि वन विभाग के महानिदेशक समेत सभी शीर्ष अधिकारी उत्तराखंड में मौजूद हैं और हालात का जायजा लेने के लिए बैठकें करने के साथ ही आग बुझाने के काम में लगी टीमों को आवश्यक निर्देश दे रहे हैं। उन्हाेंने बताया कि 6000 कर्मियों को आग बुझाने के काम पर लगाया गया है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पिछले एक महीने में उत्तराखंड में 1200 स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके कारण अब तक राज्य का करीब 2000 हेक्टेयर वन क्षेत्र जलकर खाक हो चुका है। ‘हम आग लगने के कारणों का पता लगाएंगे और साथ ही भविष्य में ऐसे संकट से निबटने के लिए एक कार्य योजना भी तैयार करेंगे।” इस बीच वायुसेना के दो मिग एमआई हेलीकाप्टरों ने आग प्रभावित वन क्षेत्रों के उपर आज पानी का छिड़काव करने के लिए उड़ान भरी। हेलीकाप्टरों में पानी भीमताल से लाया जा रहा है। वायुसेना का यह अग्निशमन अभियान हल्दवानी से चलाया जा रहा है। वन क्षेत्राें के उपर घना धुआं छाया होने से दृश्यता काफी कम हो गई है जिससे आज हेलीकाप्टरों को एक दो बार पानी का छिड़काव किए बिना ही लौटना पड़ा। आग पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के 15 हजार से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं। वन क्षेत्राें को तेजी से लील रही आग के कारण प्राकृतिक संपदा से भरपूर उत्तराखंड के जिम काॅर्बेट सहित कयी वन्य जीव उद्यानों और सरंक्षित वन क्षेत्रों पर भी खतरा मंडराने लगा है। शुक्रवार को ऐसे ही एक सरंक्षित वन क्षेत्र कीठम का बड़ा हिस्सा आग की भेंट चढ़ गया जिसमें कई जीव जन्तु जलकर मर गए। 

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