नयी दिल्ली , 01 मई, प्रमुख मजदूर संगठन ‘ राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस’ (इंटक) ने केन्द्र की नीतियों को श्रमिक विरोधी बताते हुए अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर आज यहां जंतर मंतर पर धरना - प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री ,वित्तमंत्री तथा श्रम और रोजगार मंत्री को श्रम सुधारों की मांग सें संबंधित एक ज्ञापन सौंपा। इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा अशोक चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि किसी भी देश की आर्थिक तरक्की वहां के श्रमिकों की दशा से तय होती है। श्रमिकों के सहयोग के बिना कोई भी विकास संभव नहीं है। तरक्की का दम भरने वाली मौजूदा सरकार लगातार श्रमिकों के हिताें के खिलाफ काम कर रही है। विनिवेश और आउटसोर्सिंग के चलन को बढ़ावा देकर स्थाई कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। अनुबंध पर रखे जाने वाले श्रमिकों को किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा नहीं दी जा रही।
श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि सत्ता में आते ही सरकार की ओर से 44 श्रम कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव लाया गया। इनमें से एक भी श्रमिकों के हित से जुड़ा नहीं है सब पूंजीपतियों को लाभ दिलाने के इरादे से किया गया है। ईपीएफ और पीपीएफ की ब्याज दरों को घटा दिया गया। चारों तरफ से दबाव बना तो इसे वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि देश भर के मजदूरों को सरकार की इस श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ जागरुक बनाया जाएगा और अपने हितों के लिए मिलकर संघर्ष किया जाएगा। धरना- प्रदर्शन में देश भर से आए सैकडों मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों और नेताआें ने हिस्सा लिया तथा मजदूरों की समस्याओं पर अपने विचार रखे।

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