कैट ने यह भी मांग की है की ब्रांड एम्बेसडर्स को उपभोक्ता संरक्षण कानून के अंतर्गत भी लाया जाए ! संस्था ने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री श्री राम विलास पासवान को पूर्व में भेजे पत्र ज्ञापन का स्मरण कराते हुए मांग की है की ब्रांड एम्बेसडर्स की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके लिए स्पष्ट दिशानिर्देश बनाये जाएँ ! कैट ने कहा है की विभिन्न क्षेत्रों खासकर फिल्म एवं खेल क्षेत्र में काम करने वाले विशिष्ट लोग ज्यादा पैसा कमाने के लिए विभिन्न उत्पादों का विज्ञापन करते हुए उन्हें प्रयोग करने की सलाह देते हैं ! उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं होता की उत्पाद की गुणवत्ता कैसी है ! कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भर्तियां एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने कहा की काफी लम्बे समय से हम इस मांग को उठा रहे हैं और सरकार ने अभी तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है !यदि अब भी सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं होती है तो मजबूर होकर हमें न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा !
श्री पासवान को भेजे अपने पत्र में कैट ने कहा है की ब्रांड एम्बेसडर्स क्योंकि एक अनुबंध के तहत और निश्चित राशि लेकर उत्पादों का विज्ञापन करते हैं इसलिए वो सेवा प्रदाता की श्रेणी में आते हैं ! उनके द्वारा किये गए विज्ञापन उपभोक्ता की खरीदने की क्षमता और चॉइस को काफी हद तक प्रभावित करते हैं ! यह एक सर्वविदित तथ्य है की ब्रांड एम्बेसडर्स द्वारा विज्ञापन उत्पाद की बिक्री में वृद्धि के लिए ही किये जाते हैं और इस दृष्टि से ब्रांड एम्बेसडर्स उत्पाद के बारे में बड़े बड़े दावे करते हैं ! इस कारण से ब्रांड एम्बेसडर्स स्वत रू ही उत्पाद के बिक्री मैकेनिज्म का अभिन्न हिस्सा बन जाते हैं और उत्पाद की गुणवत्ता की जिम्मेदारी से हट नहीं सकते !
कैट ने कहा है की बाजारवाद के इस युग में उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए ब्रांड एम्बेसडर्स की सेवाएं लेना आज बेहद आम हो गया है और उपभोक्ता ब्रांड एम्बेसडर्स की छवि के कारण उत्पाद की गुणवत्ता की चिंता न करते हुए उत्पाद खरीदने को प्रेरित होते हैं ! इसलिए उपभोक्ता के बृहद हित में यह जरूरी है की ब्रांड एम्बेसडर्स को उपभोक्ता संरक्षण कानून के अंतर्गत लाया जाए !
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