नयी दिल्ली,02मई, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उत्तराखंड के वनक्षेत्राें में लगी आग पर काफी हद तक काबूू पा लिया गया है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। लाेकसभा में आज शून्य काल के दौरान उत्तराखंड में वनाग्नि को लेकर सदस्यों की ओर से जताई गई चिंता और आग बुझाने के लिए सरकार की ओर से और प्रभावी उपाय करने के अनुरोध पर श्री सिंह ने कहा कि इसमें संदेह नहीं कि आग से राज्य की वनसंपदा को काफी नुकसान पहुंचा है लेकिन अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और इसे लेकर ज्यादा चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। गृहमंत्री ने कहा कि अाग की सूचना मिलते ही सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय अापदा मोचन बल (एनडीआरएफ)और अर्द्धसैनिक बलों के साथ ही विशेषज्ञों की एक टीम भी वहां भेज दी है। विशेषज्ञ टीम को आग बुझाने की आधुनिक तकनीक में महारत हासिल है जिसका पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा वायुसेना के मिग एमआई हेलीकाप्टर भी आग वाले क्षेत्रों में पानी का छिड़काव कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से भी पूरा सहयोग मिल रहा है। आगे जैसी भी आवश्यकता होगी केन्द्र सरकार हर संभव मदद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आग की घटना में चार और लोगों की मौत की जो खबरें आ रही हैं उसकी पुष्टि स्थानीय प्रशासन ने अभी तक नहीं की है।
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने सदन में उत्तराखंड में आग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मैंने इस मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मुद्दा है। उन्हाेंने कहा कि जंगलों में फैली आग ने उत्तराखंड में जो भारी नुकसान किया है वह तो अपनी जगह है ही लेकिन अब आग के हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भी फैलने का खतरा पैदा हो चुका है। श्री राय ने कहा कि सरकार ने आग पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ की टीम भेजी है। छह हजार लोगों को आग बुझाने के काम पर लगाया गया है। सेना के हेलीकाप्टर भी लगे हुए हैं, लेकिन इस बीच ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि आग के प्रकोप के आगे ये उपाय कारगर नहीं हो रहे हैं। ऐसी खबर मिली है कि आग का असर इतना ज्यादा है कि एनडीआरएफ के लोग बस खड़े होकर इसे देख रहे हैं कुछ भी करने की हालत में नहीं हैं। घना धुंआ छा जाने से हेलीकाप्टरों को पानी का छिड़का करने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने इस स्थिति में सरकार से आग बुझाने के लिए और प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया। भारतीय जनता पार्टी के रमेश पोखरियाल ने कहा कि जंगल में आग लगने से राज्य की खरबों की वनसंपदा जलकर खाक हो चुकी है। कई प्रमुख वन्य जीव उद्यानों पर खतरा मंडरा रहा है। प्रदूषण फैलने के साथ ही जल स्रोतों के सूखने का संकट भी खड़ा हो गया है। ऐसे में सरकार को और प्रभावी उपाय करने चाहिए। उन्होंने सरकार से आग की पूर्व चेतावनी के लिए इसरो की मदद से सक्षम राडार प्रणाली लगाने का भी अनुरोध किया।

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