नयी दिल्ली,02मई, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) राजधानी में 15 साल पुरानी गाड़ियों पर रोक नहीं लगाने के मामले पर आज दिल्ली सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि ऐसी गाड़ियों का चालाना क्यों नहीं काटा जा रहा है। एनजीटी ने राजधानी में कचरा डंपिंग ग्राउंड में आग लगने की घटनाओं और निर्माण स्थलों से निकलने वाली धूल से फैल रहे प्रदूषण पर नियंत्रण में नाकाम रहने के लिए भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना की। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने राजधानी में प्रदूषण मामले की सुनवाई करने के मौके पर कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण रोकने की बातें कहकर ऑड-ईवन फॉर्मूले को लागू करने के मामले में पूरी मुस्तैदी दिखाती है लेकिन वहीं 15 साल पुराने हो चुके वाहनों पर रोक लगाने के उसके आदेश पर अमल कराने में कोताही बरत रही है। न्यायूमूर्ति ने कहा कि आखिर ऐसी क्या बात है कि इस मामले में ऑड-ईवन वाला जोश दिखाई नहीं दे रहा है।
एनजीटी ने कहा कि दिल्ल्ली के कचरा निपटारा केन्द्रों में बड़ी संख्या में कूड़े का ढ़ेर रोज जलाया जा रहा है जिससे हवा में मिथेन और कार्बन बडी मात्रा में घुल रहा है। नियमों को ताक पर रखकर निमार्ण गतिविधियां भी धड़ल्ले से चल रही हैं जिससे बडी मात्रा में धूल कण हवा में घुल रहे है जो सांस की तकलीफ का कारण बन रहे हैं। इन गतिविधियों को यूंही जारी रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती। एनजीटी ने इसके साथ ही केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिया कि वह हाल में संपन्न हुए ऑड ईवन फॉर्मूले के दूसरे चरण के दौरान दिल्ली की हवा की गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े उसे जल्दी उपलब्ध कराए।

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