नयी दिल्ली, संसदीय लोकतंत्र में पिछले 24 साल में इस बार ऐसा पहला मौका आया जब लोकसभा की कार्यवाही हंगामे आदि की वजह से एक मिनट के लिए भी स्थगित नहीं करनी पड़ी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कल सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पूर्व अपने वक्तव्य में इस बात को लेकर खुशी जाहिर की और कहा कि यह हाल के वर्षों में यह पहला मौका है जब सदन की कार्यवाही हंगामे और शोर-शराबे के कारण एक मिनट के लिए भी स्थगित नहीं करनी पड़ी। उन्होंने इसके लिए सभी सदस्यों का आभार जताया।
उल्लेखनीय है कि 1992 में 10वीं लोकसभा के तीसरे सत्र के दौरान सदन की 49 बैठकें हुई थीं और हंगामे के कारण एक भी मिनट समय जाया नहीं हुआ था। उस वक्त शिवराज पाटिल लोकसभा अध्यक्ष थे। उससे पहले 1990 में नौवीं लोकसभा के दूसरे सत्र में भी सदन की कार्यवाही शोर-शराबे के कारण स्थगित नहीं करनी पड़ी थी। उस वक्त सदन की अध्यक्षता रवि राय कर रहे थे।
श्रीमती महाजन ने कल कहा था, “मुझे यह सूचित करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि हाल के समय में यह पहला सत्र रहा, जिसमें हंगामे और शोर-शराबे के कारण एक मिनट भी कार्यवाही स्थगित नहीं की गई।” उन्होंने बताया कि सदन ने इस सत्र में 13 बैठकों में 92 घंटे और 21 मिनट कामकाज किया। चौदह घंटे 32 मिनट देर तक बैठकर भी कामकाज निपटाया गया। अध्यक्ष ने सदन चलाने में सहयोग के लिए पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों एवं लोकसभा सचिवालय के कर्मचारियों का धन्यवाद दिया। लोकसभा का यह सत्र 25 अप्रैल से शुरू हुआ था और यह 13 मई तक निर्धारित था, लेकिन इसे दो दिन पूर्व ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

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