गर्भवती माता के पेट में पल रहे भू्रण की चिकित्सकीय स्थिति की जांच के लिए प्रसवपूर्ण टेस्टिंग ,यह जांच पूर्वनिर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार की जाती है। लाइफसेल ने ‘‘बेबी शील्ड कार्यक्रम’’ के तहत अपने ग्राहकों को व्यापक प्रसवपूर्व स्क्रीनिंग टेस्ट सेवा उपलब्ध कराने की आज घोषणा की।
माता और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन तकनीकें तथा बेहतर एवं नई जांच सुविधाऐं उपलब्ध कराने के अपने निरंतर प्रयास के तहत लाइफसेल ने फ्लोरोसेंट इन सीतु हाइब्राइडाइजेशन (फिश) तकनीक के बेहतर विकल्प के तौर पर क्वांटिटेटिव फ्लोरोसेंट पोलाॅमराइज चेन रिएक्शन (क्यूएफपीसीआर) जांच की शुरूआत की। वैश्विक स्तर पर क्यूएफपीसीआर त्रिगुणसूत्रता (ट्राइजोमी) की जांच करने का ट्रासोमिइज स्वीकृत और विश्वसनीय तरीका है जिसका बेहतरीन परिणाम आता है, त्वरित रिपोर्टिंग दर है और 99 प्रतिशत से अधिक क्लिनिकली तौर पर प्रासंगिक एनेयुप्लोयाॅडीज को शामिल करता है तथा इसकी विफलता दर बहुत कम है। लाइफ सेल बेबी शील्ड देश में नवजात शिशुओं की स्क्रीनिंग व जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशुओं की जांच से उपचार से कई स्पष्ट चिकित्सा स्थितियों एवं बीमारियों का पता चल जाता है। जिनका शिशुकाल में कोई क्लिनिकल लक्षण या संकेत नहीं होते हैं।
विश्व में 60 से अधिक देशों में इन दोनों जांच को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत अनिवार्य बना दिया गया है। दुनिया में गुणसूत्र संबंधित गड़बड़ियों से ग्रस्त सबसे अधिक बच्चों क जन्म भारत में होता है। ऐसे में प्रसवपूर्ण जांच के जरिए आरंभिक अवस्था में ही किसी भी तरह की आनुवांशिक गड़बड़ियों की जांच करना अत्यधिक जरूरी है। प्रसवपूर्ण टेस्टिंग सेवा के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए लाइफसेल इंटरनेशनल ने फोटोमेड लैबोरेट्रिज में नियामक हिस्सेदारी हासिल किया, जो प्रसवपूर्व स्क्रीनिंग सेवा एवं भू्रण चिकित्सा सेवा का अग्रणी प्रदाता है। शेयर हिस्सेदारी के लिए दोनों संस्थाओं के बीच गत सप्ताह शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर हुआ।
इसके अलावा लाइफसेल ने डाउन सिंड्रोम के उच्च खतरे को दर्शाने वाले जैव रासायनिक स्क्रीनिंग परीक्षा परिणाम के लिए गैर इनवेसिव प्रसवपूर्व का परीक्षण (एनआईपीटी) को बढ़ावा देने की योजना बनाई है क्योंकि इसके जरिए इनवैसिव नैदानिक टेस्टिंग से होने वाले गर्भपात की संख्या में काफी कमी आ सकती है।

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