नयी दिल्ली, 05 मई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आक्रामक तेवर बरकरार रखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलपति से इससे जुड़े सभी दस्तावेज तुरन्त वेबसाइट पर डालने की मांग की है। उपकुलपति को आज लिखे एक पत्र में श्री केजरीवाल ने अंग्रेजी दैनिक की खबर का हवाला देते हुए लिखा है कि प्रधानमंत्री की डिग्री सुरक्षित नहीं है और कोई भी “एक्सीडेंट” हो सकता है। इससे यह शक पैदा होता है क्या अब एक्सीडेंट करवाने की तैयारी की जा रही है और उसके लिए भूमिका बनाई जा रही है। उन्होंने उपकुलपति से आग्रह किया है कि इन सभी दस्तावेजों की हिफाजत के लिए उचित कदम उठायें। बेहतर होगा कि अगर ये सभी दस्तावेज तुरन्त वेबसाइट पर डाल दिए जायें। इस देश के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि उनके प्रधानमंत्री कितने पढ़े हुए हैं और यदि प्रधानमंत्री की डिग्री पर इतने गंभीर आरोप लगते हैं तो सच्चाई सामने आनी ही चाहिए।
श्री केजरीवाल ने लिखा है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की डिग्री का विवाद बना हुआ है। प्रश्न उठ रहा है कि क्या उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री ली थी अथवा नहीं। कहा जा रहा है कि उन्होंने डीयू से कोई डिग्री प्राप्त नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय के रिकार्ड में न ही उनका एडमिशन फार्म है, न ही मार्कशीट है, न ही डिग्री की जानकारी है और न ही अन्य रिकार्ड में उनका नाम है। यह अत्यंत गंभीर विषय है क्योंकि गुजरात विश्वविद्यालय का कहना है कि उन्होंने वहां से एमए किया है। अगर उन्होंने बीए ही नहीं किया तो एमए में दाखिला कैसे मिल गया, इससे संदेह पैदा होता है कि तब तो एमए की डिग्री फर्जी है। इसकी सच्चाई जानने के लिए बेहतर होगा कि सभी दस्तावेज तुरन्त वेबसाइट पर डाल दिए जायें। गौरतलब है कि केन्द्रीय सूचना आयोग ने आदेश दिया था कि प्रधानमंत्री की डिग्री सार्वजनिक की जाये। इसके बाद कल आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मिले थे। आप नेताओं ने बाद में दावा किया था कि श्री मोदी की डिग्री फर्जी है।

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