पटना 31 मई, बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के घटक जनता दल यूनाइटेड(जदयू) ने आज कहा कि अपने को बेदाग बताने वाली भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने 28 मामलों के आरोपी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाकर अपना असली चेहरा दिखा दिया । जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य संजय सिंह और प्रवक्ता डा0 अजय आलोक ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा दूसरे दलों को कोसने और अपने को सही ठहराने में सबसे आगे रहती है । दूसरे को बुरा कहना और अपनी छवि को साफ बताना भाजपा की आदत है । उन्होंने कहा कि श्री सिंह के खिलाफ 28 मामलें है फिर भी भाजपा ने उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है । नेताओं ने कहा कि श्री सिंह के खिलाफ सासाराम के मुफस्सिल थाना में वर्ष 2011 के नवम्बर में भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज है । इसी तरह वर्ष 2012 के फरवरी और जून में सासाराम के मुफस्सिल थाना में ही श्री सिंह के खिलाफ खनिज अधिनियम के उल्लंघन किये जाने को लेकर दो मामले दर्ज है जिसमें वह जमानत पर हैं । श्री सिंह के खिलाफ इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है । उन्होंने बताया कि श्री सिंह के खिलाफ सासाराम मुफस्सिल थाना में ही 14 जून 2012 को एक अन्य मामला दर्ज किया गया था ।
नेताओं ने कहा कि श्री सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने सासाराम मुफस्सिल थाना में चार सितम्बर 2012 को सासाराम स्थित करबंदिया के प्रतिबंधित वन क्षेत्र में अवैध रूप से पत्थर खनन एवं चोरी के आरोप में मामला दर्ज कराया था। श्री सिंह के खिलाफ कुल 28 मामलें दर्ज है जिनमें हत्या के प्रयास का मामला भी शामिल है । जदयू नेताओं ने कहा कि महागठबंधन के किसी नेता पर यदि कोई उंगली उठती है तो पार्टी नेतृत्व की ओर से त्वरित कार्रवाई की जाती है । उन्होंने कहा कि बेदाग होने का दावा करने वाली भाजपा नेतृत्व को यह बताना चाहिए कि श्री सिंह जैसे दागी व्यक्ति को राज्यसभा का उम्मीदवार कैसे बनाया गया । श्री सिंह को उम्मीदवार बनाये जाने से भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा उजागर हो गया है । नेताओं ने कहा कि भाजपा के लोग इन मुकदमों को अब राजनीति से प्रेरित मामले बताकर बच नहीं सकते हैं । उन्होंने कहा कि जिस समय श्री सिंह के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था उस समय भाजपा भी सरकार में थी और श्री सुशील कुमार मोदी राज्य के उप मुख्यमंत्री थे ।
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