अगस्ता को फायदा पहुंचाने के लिए मानकों में बदलाव किये गए : पर्रिकर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 6 मई 2016

अगस्ता को फायदा पहुंचाने के लिए मानकों में बदलाव किये गए : पर्रिकर

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नयी दिल्ली 05 मई, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने लोकसभा में आज कहा कि 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद सौदे में इटली की अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए मानकों में बदलाव किये गए, जिससे स्वत: यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि घोटाले में किसका हाथ था। श्री पर्रिकर ने इस संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपने प्रारंभिक वक्तव्य में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद मामले से जुड़े तथ्य सदन से साझा करते हुए कहा कि तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी तथा श्री गौतम खेतान तो छोटे ‘खिलाड़ी’ हैं, जिन्होंने ‘बहती गंगा में केवल हाथ धोया है’, असली बात यह देखना है कि भ्रष्टाचार की यह ‘गंगा’ कहां जाकर समाप्त होती है। रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि सरकार इस घोटाले में शामिल किसी व्यक्ति को भी नहीं बख्शेगी। सरकार ऐसे लोगों को बेनकाब करने से पीछे नहीं हटेगी।” उन्होंने करार से संबंधित महत्वपूर्ण तारीखों एवं तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि इस सौदे में नियमों को तोड़ा-मरोड़ा गया और अगस्ता वेस्टलैंड को ध्यान में रखकर मानदंडों में फेरबदल किये गये। उन्होंने तत्कालीन मनमोहन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगस्ता के हेलीकॉप्टर ए डब्ल्यू 101 को चुनने तथा इसके प्रतिस्पर्धी निविदाकर्ताओं को दौड़ से बाहर करने के लिए केबिन की 1.8 मीटर की उंचाई के मानदंड को अनिवार्य बनाया गया, जबकि शुरुआती शर्तों में यह वांछनीय नहीं थी। इस कदम से एक ही विक्रेता की स्थिति बन गयी।

श्री पर्रिकर ने कहा कि एक बडी अनियमितता यह बरती गयी कि सौदे की शर्तें अगस्ता वेस्टलैंड इटली के साथ तय हुई और इनका जवाब ब्रिटेन स्थित अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लिमिटेड से आया। उन्होंने इस बात को लेकर भी सवाल उठाये कि आखिर सौदे को उसी समय रद्द क्यों नहीं किया गया? रक्षा मंत्रालय में उपलब्ध फाइलों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि देश की भौगोलिक परिस्थितयों को देखते हुए इन हेलीकाप्टरों का परीक्षण देश में ही किया जाना अनिवार्य बनाया गया था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस नियम की अनदेखी करके यह परीक्षण ब्रिटेन में कराये। इतना ही नहीं, ये परीक्षण भी दूसरे हेलीकाप्टर में किये गये। उन्होंने कहा कि देश में परीक्षण नहीं कराये जाने का परिणाम यह हुआ कि अगस्ता से खरीदा गया हेलीकॉप्टर भारत में परीक्षण में असफल हो गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि अगस्ता के हेलीकॉप्टर एडब्ल्यू 101 में निर्धारित मानदंडों में बदलाव को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि विमानों की कीमत में छह गुना बेतहाशा बढोतरी की अनुमति दी गयी। उन्होंने तत्कालीन संप्रग सरकार पर अगस्ता के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने में देरी का आरोप भी लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन सरकार की उदासीनता के कारण केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में तेजी नहीं दिखाई और फिनमकैनिका कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की गिरफ्तारी के बाद ही सरकार पूरी तरह सक्रिय हुई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस मामले से जुड़ी जांच प्रक्रिया में तेजी आई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। 

इससे पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के अनुराग ठाकुर ने कहा कि रक्षा सौदों में धांधली और भ्रष्टाचार में संलिप्तता कांग्रेस की परम्परा रही है। उन्होंने टाट्रा ट्रक सौदा और कुछ अन्य रक्षा सौदों में धांधली का हवाला देते हुए कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड को भी फायदा पहुंचाने का प्रयास किया गया। श्री ठाकुर ने सरकार से जानना चाहा कि इस घोटाले में लिप्त लोगों को जेल के सलाखों के पीछे भेजने के लिए वह (सरकार) क्या कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए। भाजपा के ही निशिकांत दुबे ने हेलीकॉप्टरों की खरीद संख्या एसपीजी प्रमुख के कहने पर बढ़ाई गई थी, जो कांग्रेस अध्यक्ष का बहुत नजदीकी था। यह 2004 से 2011 तक एसपीजी के अध्यक्ष रहे और उन्हें बाद में राज्यपाल बना दिया गया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की सलाह के बाद इस सौदे को रद्द किया गया। कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को झूठे, निराधार और बेबुनियाद आरोप लगाने की आदत है। इस भ्रष्टाचार का खुलासा कांग्रेस ने ही किया था और मोदी सरकार को आये करीब दो वर्ष हो गये हैं, उसमें किसी एक भी व्यक्ति को चिह्नित नहीं किया गया और एक भी पैसा नहीं वसूला गया। तृणमूल कांग्रेस सौगत राय ने यह जानना चाहा कि पिछले डेढ़ साल के दौरान सरकार ने क्या कार्रवाई की और किसी से पूछताछ की गई या नहीं? सरकार ने रिश्वत की वसूली के लिए क्या कदम उठाये? इटली के जज ने अधिकारियों के नाम लिये हैं लेकिन किसी नेता की संलिप्तता का जिक्र नहीं किया है। इस मामले में मोदी सरकार भी पहली सरकार का अनुसरण कर रही है। भाजपा के किरीट सोमैया ने कहा कि बड़े खेद की बात है कि जिस सेना के प्रति पूरा देश श्रद्धा से देखता है, उसका पूर्व मुखिया ही कटघरे में खड़ा है। उन्होंने सौदे की खरीद के लिए एक पार्टी के वास्ते तैयार की गई भूमिका का विवरण भी जानना चाहा। 

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