नयी दिल्ली, 06 मई, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर देश की लोकतांत्रिक बुनियाद को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए आज चेतावनी दी कि लोकतंत्र को नष्ट करने के उनके इरादे को पूरा नहीं होने दिया जाएगा। श्रीमती गांधी ने यहां जंतर मंतर पर ‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ के मौके पर आयोजित विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए कहा 'मोदी सरकार अपने दो साल के कार्यकाल में हर मोर्चे पर पूरी तरह असफल रही है। श्री मोदी ने अपनी सरकार की इस नाकामयाबी को छिपाने के लिए अब विपक्ष के चरित्र पर अंगुली उठाने का अपना पुराना खेल खेलना शुरू कर दिया है।' उन्होंने कहा 'विपक्ष को बदनाम करने का खेल करने वालों के साथ ही आरएसएस को भी इस रैली के जरिए मिले इस संदेश को स्पष्ट समझ में आना चाहिए कि कांग्रेस उनके इरादों को कभी सफल नहीं होने देगी। उन्हें कांग्रेस को कमजोर समझने की भी भूल नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस लोकतंत्र की हत्या तथा विपक्ष पर आरोप लगाने के उनके खेल का संसद के भीतर और बाहर करारा जवाब देगी।'
श्रीमती गांधी ने कहा कि कांग्रेस अपनी लड़ाई जारी रखकर अन्याय के विरुद्ध निरतंर लोहा लेती रहेगी और देश के लोकतांत्रिक चरित्र को कभी कमजोर नहीं होने देगी। दिल्ली में आयोजित इस मार्च के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता देश के विभिन्न हिस्सों में इसी तरह के कार्यक्रम आयेाजित करके लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने वालों को बेनकाब करेगी। उन्होंने कहा “मुझे जिंदगी ने संघर्ष सिखाया है। चुनौतियों से मुकाबला करना सिखाया है। वे कांग्रेस को हटाने की बात करते हैं लेकिन उन्हें मालूम ही नहीं है कि कांग्रेस किस मिट्टी से बनी है। कांग्रेस ने हमेशा मानवता के लिए खून बहाया है और राष्ट्रविरोधी ताकतों का मुकाबला किया है।” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में देश में गरीबों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और जन सामान्य के जीवन में बुनियादी बदलाव आना शुरू हो गया था लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद से सबका बुरा हाल है। सभी लोग परेशान हैं। किसान की हालत सबसे खराब है और वह आत्महत्या करने को मजबूर है। मोदी सरकार ने जन सामान्य की परेशानियों से आंखे बंद कर ली है। सरकार का ध्यान लोगों की परेशानी पर नहीं है जिसके कारण लोगों का परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर धनबल और बाहुबल के जरिए लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी का परिणाम है कि अरुणाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में चुनी गयी सरकारों को हटाया गया। इन दोनों राज्यों में चुनी हुई कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकारों को गिराकर लोकतंत्र की बुनियाद ही कमजोर नहीं की गयी बल्कि लोकतंत्र की हत्या हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है और लोग परेशान हैं लेकिन राज्य में कोई सरकार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार महिलाओं, कमजोरों और जन सामान्य की लोकतंत्र में भागीदारी कम करने में जुटी हुई है। पंचायत चुनाव लड़ने के लिए दसवीं पास होने की अनिवार्यता शुरू की गयी है। इसका सीधा मतलब है कि मोदी सरकार दलितों और महिलाओं की पंचायत में भागीदारी के विरुद्ध है। दलित और महिलाएं कम पढे लिखे हैं और उन्हीं को निशाना बनाते हुए भाजपा की सरकार ने यह निर्णय लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा “सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि पानी जब सिर से ऊपर चला जाता है तो देश के लोग बड़े बड़ों को पानी पिला देते हैं। ये जिस तरह का काम कर रहे हैं उससे साफ हो गया है कि अब इनके दिन लदने शुरू हो गए हैं।”

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