मोदीजी राजनीति के पहले वैज्ञानिक
प्रद्योत कुमार,बेगूसराय।जब हम अतीत के आईने में वर्तमान का मुल्यांकन करते हैं तो हमें हमारे ही नज़रिया में भटकाव नज़र आता है,हम किसी खास बिन्दु पर अपने विचारों के साथ स्थिर नहीं रह पाते हैं,ख़ास करके राजनीतिक,आर्थिक एवं नैतिक मूल्यों पर।अगर ग़ौर से देखें तो हमारे देश के राजनीतिक एवं नैतिक मूल्यों में काफी गिरावट आया है वहीं आर्थिक समृद्धि आई है क्यूंकि "वे ऑफ़ अर्न" में काफी वृद्धि हुई है,इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं हैं सच पूछिये तो ये एक नैसर्गिक परिवर्तन का परिणाम है जिसका प्रतिफल आगे भी दिखेगा,हाँ अगर हर समय के नैतिक मूल्यों को बेचने वाला नेता जिसने राजनीति का व्यापारीकरण नहीं किया होता तो आज बाक़ी मूल्यों में बढ़ोत्तरी होता और बाज़ार मूल्यों में गिरावट अवश्य आता लेकिन ऐसा नहीं हो सका जिसका परिणाम है वर्तमान महंगाई,दो तरह के क़ानून, दो व्यवस्थाएं,दो तरह का शिक्षा,दो दृष्टिकोण।इन सब का जन्म सत्ता के गलियारे से होता है,आप ग़ौर कीजिये सत्ता के गलियारे से उठनेवाली आवाज़ एक ही होती है वहां विरोध नहीं समझौता होता है,विरोध करना या करवाना नेताओं का अस्त्र है और इस राजनीतिक अस्त्र के प्रयोग से बचना मुश्किल है।उसी अस्त्र का परिणाम अभी पूरा देश भुगत रहा है।मोदी वर्तमान राजनीति के एक ऐसे इकलौते वैज्ञानिक हैं जिन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी पर एक ऐसा प्रयोग किया है जिससे उनका जीन समाप्त हो जाएगा और रह जाएगा केवल उनके अस्तित्व से अर्जित निशानी।अब देखना ये है कि उनके प्रतिद्वेन्दी कोंग्रेस किस एंटीडोट का प्रयोग कर अपनी रक्षा करते हैं।कांग्रेस ने जिस तरह से अपने रजनीति प्रयोगशाला में खुद को मजबूत करते हुए बचाने की कोशिश की है शायद वो उनके लिए उपयुक्त एनटीडोट नहीं साबित हो रहा है,अगर वक़्त से पहले अपनी रणनीति में माकूल परिवर्तन नहीं किया तो उनके लिए आने वाला वक़्त एक भयानक ख़्वाब के सामान होगा।नीति कहता है कि सत्ता परिवतर्न के लिए शासक परिवर्तन करने के साथ-साथ नियत परिवर्तन भी करना होगा और सही दिशा में कार्य भी सही परिवेश में करना होगा जो जनमानस से जुड़ा हो।झूठ को रोकने के लिए अगर दरवाज़ा बंद कर लेंगे तो सत्य भी बाहर रह जाएगा,इस दायरे से निकल कर सोचना होगा कांग्रेस को,अपने किये पर पर्दा डलवाने से एंटीडोट तैयार नहीं हो पायेगा।
ज़मीनी विवाद में गोली बारी
अरुण कुमार,मटिहानी,बेगुसराय। कल्पना नर्सिंग होम में भर्ती महिला,रुखसाना खातुन,पति मो•शैयद,सा• लालू नगर,कर्पूरी स्थान,पुरानी मछली बाजार की रहने बाली है।रुखसाना खातुन आगे बताती हैं की लालू नगर में जहाँ वो झोपडी बनाकर रह रही है वहाँ वह जगह पहले खाली (परती)था। उस ज़मीन को गंगा प्रसाद चौधरी ,पिता शिव शंकर चौधरी,ग्राम बरैपुरा,थाना-बीरपुर से रजिस्ट्री करवा चुकी हूँ । रजिस्ट्री करवाने के बाद वो मुझसे जमीन खाली करने के लिए कह रहा था।उसी जमीन में हमने लगभग 8 माह पूर्व पैखाना (शौचालय) बनवा रही थी तो ज़मीन मालिक गंगा प्रसाद के इशारे पर उसी क्रम में हमसे 10,000 रूपया बतौर रंगदारी कारी पासवान उर्फ़ लंगड़ा,पे• रोहित पासवान,सा• लालू नगर जिला-बेगुसराय ने माँगा था,जो रूपया हमने नहीं दिया।गंगा प्रसाद ने दो महीना पहले ही हमसे झोपड़ी खाली करने कहा था और धमकी भी दिया था कि झोपड़ी खाली नहीं करेगी तो जान से मरवा देंगे।आज दिनांक 9 जून 16 को हम उसी झोपड़ी में रोजा खोलकर अपने पति एवं बच्चों के साथ बैठी थी। उसी वक़्त,कारी पासवान उर्फ़ माधव पासवान उर्फ़ लंगड़ा पे• रोहित पासवान मेरे आँगन में आया और गाली देते हुए मेरे पति के गाल पर थप्पड़ मारा तो मैं उस पर बोली कि जो कुछ भी कहना है मुझे बोलो मेरे पति को मत मारो।इतना सुनते ही वह अपने पास से पिस्तौल निकाल कर जान मारने की नियत से मुझपर गोली चला दिया और वहाँ से भाग गया।नामजद अभियुक्त,गंगा चौधरी,पे• शिव शंकर चौधरी,सा• बरैपुरा,थाना वीरपुर एवं कारी पासवान,पे• रोहित पासवान,सा• लालू नगर वार्ड न• 31,थाना-जिला बेगुसराय है।इन अभियुक्तों पर थानाध्यक्ष मो•अली साबरी के अनुसार काण्ड संख्या 276/16,धारा 341,323,307,120b,504,34 आ• एवं 27 आर्म्स एक्ट का अभियुक्त है।पुलिस को चाहिए कि अविलम्ब गंगा प्रसाद एवं अन्य की गिरफ्तारी की जाय।

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