बेगूसराय (बिहार) की खबर (21 जून) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 21 जून 2016

बेगूसराय (बिहार) की खबर (21 जून)

श्रम की दीवार में क़ैद है गरीबों का बचपन

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प्रद्योत कुमार,बेगूसराय। स्वच्छन्द और स्वतंत्र जीवन सिर्फ बचपन ही जी सकता है जिसमें इंसान बेफिक्र ज़िन्दगी का बादशाह होता है,ग़ज़लकारों ने इस जीवन पर सब कुछ लुटाने तक की बात कह दी है लेकिन गरीबी से अभिषप्त जीवन ने करोड़ों बचपन को मज़दूरी की आग में झोंक दिया और उन्हें एक नाम भी दे दिया गया क़ानून की किताबों में 'बालश्रमिक',ये ऐसे बच्चे हैं जिन्हें अपनी माँ की लोरी सुनना नसीब में नहीं है और खिलौना की जगह इनके हाथ थाम लेते हैं कुदाल,रिंच,गोनी या बोरा,हथौड़ा और ना जाने क्या क्या ?गुम हो जाता है बचपन इनका मजबूरी और मजदूरी की काली स्याह अँधेरी रातों में,लेकिन जनाब इन बच्चों के लिए सरकार ने वर्ष 1986 में गुरुपाद स्वामी समिति की सिफारिशों के आधार पर बाल मज़दूर(प्रतिबंध एवं विनिमय)अधिनियम लागू किया गया था और ठीक उसके बाद सातवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 14 अगस्त 1987 को राष्ट्रीय बाल श्रम नीति को मंत्रिमण्डल द्वारा मंजूर कर दिया गया,इस नीति का उदेश्य था कि बच्चों को रोजगार से हटाकर उन्हें समुचित रूप से पुनर्वास किया जाय जो नहीं हो सका।वर्ष 1991 में 1.1 करोड़ बालश्रमिक था और वर्ष 2011में लगभग 1 करोड़ बालश्रमिक था अपने देश में,ये सहज ही सोचने का विषय है कि क़ानून कहाँ तक लागू हो पाया है।बालश्रमिकों का सबसे ज़्यादा उपयोग किया जाता है,चाय की दूकानों में,ढाबों में,होटलो में,ईंट भठ्ठी में,घरों में,इत्र, जूते,माचिस,पटाखे , कांच की चूड़ियों और कालीन उद्योगों इत्यादि में।यहां सरकार की तमाम कोशिशें नाकाम साबित होती दिखाई दे रही है वर्षों से।इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ उनकी ग़रीबी है जो उन्हें मजबूर करती है क्यूंकि उनके सामने सबसे बड़ी समस्या है रोटी की इसीलिए उनके परिजन उन्हें उनसे उनका बचपन छीन कर बालश्रमिक बनने पर मजबूर करते हैं।भारतीय संविधान के अनुच्छेद 24 के अंतर्गत बाल श्रमिक प्रतिबंधित है एवं संविधान के अनुच्छेद 21A अंतर्गत 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों को नःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध करेगी यह हर एक बच्चे का मूल अधिकार है फिर भी वर्ष 2011 के जनगणना के मुताबिक़ जिनका उम्र 5 -11 वर्ष है 25 करोड़ 96 लाख बच्चे है,जिसमें लगभग 1 करोड़ श्रमिक हैं,हैरत की बात तो ये है कि सिर्फ बिहार में लगभग 10 लाख बालश्रमिक हैं लेकिन प्रत्येक वर्ष हम 12 जून को विश्व बालश्रम निषेध दिवस के रूप में मनाते हैं।अब सवाल ये उठता है कि उक्त आंकड़ो को देखने के बाद क्या हमें ये दिवस मनाना चाहिए या फिर हम तमाम अधिनिमों के साथ छलावा करते हैं।बात कोई भी हो लेकिन इसमें पिसने वाले बचपन का क्या कसूर है?इस मुद्दे को राजनीति की धरातल से अलग होकर सोचने की ज़रूरत है।एक चाय बेचने वाला बच्चा गर देश का प्रधानमन्त्री बन सकता है तो देश के तमाम बालश्रमिकों में भी एक उज्वल भविष्य देखा जा सकता है।सरकार को चाहिए कि तमाम बालश्रमिक अधिनियमों को लागू करते हुए सख़्ती और बेहद ईमानदारी के साथ पेश आएं ताकि बालश्रमिकों का बचपन उन्हें वापस मिल सके जो आने वाले कल में देश के मुस्तकबिल का मार्ग दर्शक बन सकें।

कार्रवाई के दौड़ान पुलिस पब्लिक में टकराव

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अरुण कुमार,मटिहानी,बेगुसराय।विगत देर रात को पचम्बा निवासी,किरण देवी,पति बलराम सिंह का ऑपरेशन पित्त की थैली में स्टोन निकालने हेतु किया गया था।ऑपरेशन डॉ• रामयतन सिंह ने किया जो शुभम नर्सिंग होम के  संचालक हैं में,ऑपरेशन सफल रहा ,ऑपरेशन के कुछ घन्टे बाद मरीज किरण देवी को छींक आई या सरक गई जिसकी वजह से अन्दरूनी विकार उत्पन्न होने के कारण मरीज की हालात बिगड़ने लगी,तो उसी क्षण मरीज को बेगुसराय के विष्णुपुर स्थित आई•सी•यू•में रखा गया,कुछ देर बाद ही किरण देवी की मृत्यु हो गई।इस घटना के कारण कुछ लोग डॉ•रामयतन सिंह पर यह आरोप लगाते हुए की डॉ•सिंह ने मृतिका किरण देवी का किडनी निकाल लिये हैं ,हालांकि शिवम् नर्सिंग होम के संचालक डॉ रामयतन सिंह अक्सर किडनी स्कैम के अफवाह के दायरे में आते रहे हैं।इसी आक्रोश में भीड़ ने शुभम नर्सिंग होम पर ईंट,पत्थर फेंकते हुए तोड़-फोड़ भी शुरू कर दी।घटना की जानकारी मिलते ही नगर थानाध्यक्ष मो•अली साबरी ने त्वरित कर्रवाई की और पुलिस बल को घटना स्थल पर भेजकर हिंसक भीड़ पर काबू करना चाह लेकिन भीड़ इतना उग्र रूप में था कि पुलिस बल को लाठी चार्ज करनी पड़ी,फिर तो पुलिस और पब्लिक का सीधा टक्कर हो गया जिसमें दो पुलिसकर्मी भी गम्भीर रूप से घायल हुए हैं जिनको इलाज के लिए अविलंब  ऐलेक्सिया हॉस्पिटल भेज दिया गया वहीं उनका इलाज चल रहा है।घायल पुलिसकर्मी में,सब इन्स्पेक्टर अरुण कुमार सिंह एवं सिपाही बलभद्र महामरिक नगर थाना,बेगुसराय के हैं।जब तक शुभम नर्सिंग होम पर बेगूसराय पुलिस कप्तान रंजीत कुमार मिश्रा पहुँचे तब तक मो• अली साबरी ने हिंसक उग्र भीड़ को पूर्ण नियंत्रित कर चुके थे।मौका ए वारदात पर पांच व्यक्तिओं को पूछताछ के लिए गिरफ्तार भी कर लिया,गिरफ्तार व्यक्तिओं में दीपक महतों,पे• प्रवीण महतों,सा• पचम्बा। अभिषेक कुमार,पे• पवन राय।सौरभ कुमार,पे• किरण देव राय।शनि कुमार,पे• प्रमोद राय।उक्त तीनो का सा•अतरुआ,थाना-भगवानपुर,जिला-बेगुसराय है एवं गजेन्द्र प्र• यादव,पे• रामबहादुर यादव,सा• बारगाँव,थाना-हसनपुर,जिला-समस्तीपुर है।इन पांचो को घटना स्थल से तोड़-फोड़ के क्रम में गिरफ्तार कर हाजत भेज दिया गया।समाचार प्रेषण तक कोई एफ•आई•आर दर्ज नहीं हुआ था।नगर थानाध्यक्ष मो•अली साबरी बताते हैं कि अभी इन लोगों से पूछताछ करनी है।पूछताछ के दरम्यान तथ्य जो सामने आएगा उस पर अग्रतर कार्रवाई की जायेगी।

योग से रोग भी भयभीत

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अरुण कुमार,मटिहानी,बेगुसराय।आज पूरे देश में योग दिवस मनाया गया है।इसी क्रम में बेगुसराय में भी कई संस्थानों,विद्याल्यों एवं महाविद्यालयों में पतंजलि योग पीठ के प्रशिक्षकों के द्वारा योग की विधिवत प्रशिक्षण दिया गया।सर गणेश दत्त महाविद्यालय के प्रांगण में माननीय प्राचार्य श्री अवधेश कुमार सिंह एवं भारत स्वाभिमान के जिला प्रभारी श्री रामकिशोर अग्रवाल,श्री रामकिशोर शर्मा ( उपाध्यक्ष ) श्री अशोक मिश्रा,डॉ•राजन कुमार,प्रो• विजय शंकर सिंह,डॉ•अंजनी सिन्हा,राजेश कुमार आदि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का श्री गणेश किये।इस अवसर पर,जी डी कॉलेज के डॉ• अंजनी सिन्हा के साथ दिवाकर सिंह,परमानन्द यादव, राजाराम गुप्ता,बाबू साहेब एवं कुन्दन कुमार " विद्यार्थ " उपस्थित थे।वी•भी•एम• विद्यालय के छात्र एवं छात्राओं आदि को पूर्णत:योगाभ्यास का प्रशिक्षण दिया गया।श्री अशोक कुमार मिश्रा,पूर्व जिला प्रभारी,पतंजलि योग समिति,बेगुसराय,से प्राप्त जानकारी के अनुसार कि सन 2002 में पतंजलि योग समिति हरिद्वार,बाबा रामदेव के सानिद्य में विधिवत योग प्रशिक्षण प्राप्त कर सन् 2008 में पूर्ण कालिक योगाभ्यास का 21 दिनों का सत्र पूर्ण करने के पश्चात,अपने शहर बेगुसराय में सन् 2007 में जिला कार्यालय की स्थापना कर,गाँव-गाँव में योगाभ्यास का शिविर लगाकर आम जनमानस तक योग विधा को प्रसारित कर रोग से छुटकारा दिलाने हेतु इस अभियान में तन्मयता के साथ अपने अन्य साथियों के साथ लग गया और आज मुझे ख़ुशी हो रही है कि बहुतों को पतंजलि योग पीठ द्वारा संचालित योगाभ्यास से कई मरीजों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो चुका है और आगे भी होता रहेगा। आगे मिश्रा जी बताते हैं कि योगाभ्यास और प्राणायाम से, गठिया, नेत्रविकार, किडनी विकार, मधुमेह, मोटापा, टॉन्सिल आदि जितने भी बिमारी हैं सभी का इलाज़ करना संभव है। आज इस विश्व योग दिवस में भाग लेनेवाले वी•भी•एम्• विद्यालय के छात्र,छात्राओं के साथ साथ अन्य बड़े बुजुर्ग,युवा आदि प्रशिक्षण प्राप्त कर सामूहिक दृढ संकल्प लिये की प्रतिदिन योगाभ्यास करके भारत को विश्व योग गुरु बनाऊँगा,यही मेरा शपथ और संकल्प है। और इस योग दिवस को सफलता पूर्वक मनाने में अहम् भूमिका निभाने वालों में शामिल हैं श्री राजकिशोर अग्रवाल,श्रीराम प्रेस  चट्टी रोड बेगुसराय। अग्रवाल जी सिर्फ इतना ही कहते हैं कि करें योग रहें निरोग।

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