नई दिल्ली : शनिवार को हैदराबाद में इतिहास बनने जा रहा है। बिहार की फ्लाइट कैडेट भावना कंठ, राजस्थान की फ्लाइट कैडेट मोहना सिंह और मध्य प्रदेश की फ्लाइट कैडेट अवनी चतुर्वेदी पहली महिलाएं हैं जिन्हें शनिवार को कमीशन दिया जा रहा है। ये वो भाग्यशाली महिलाएं हैं जो एक साल बाद भारतीय वायुसेना में लड़ाकू पायलट बनेंगी। इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट ये तीनों युवा महिलाएं अपनी शुरुआती ट्रेनिंग पूरी कर चुकी हैं। अब इनकी एक साल की एडवांस ट्रेनिंग कर्नाटक के बीदर में होगी।
भावना कहती हैं कि ये मेरा बचपन का सपना था कि मैं लड़ाकू विमान की पायलट बनूं। जहां चाह होती है, वहां राह होती है। महिला और पुरुष में कोई अंतर नहीं होता है। दोनों में एक ही तरह की हुनर, क्षमता क्षमता होती है कोई भी खास अंतर नहीं होता है। वहीं मोहना कहती हैं कि मैं तो ट्रांसपोर्ट विमान उड़ाना चाहती थी लेकिन मेरे प्रशिक्षक ने मुझे लड़ाकू विमान के लिये प्रेरित किया। लड़ाकू विमानों का करतब और उनकी तेजी की वजह से मैं यहां पर हूं।
इस मामले में अवनी का कहना है कि हर किसी का सपना होता है कि वो उड़ान भरें। अगर आप आसमान की ओर देखते हैं तो पंछी की तरह उड़ने का मन करता है। आवाज की स्पीड में उड़ना एक सपना होता है और अगर ये मौका मिलता है तो एक सपना पूरे होने के सरीखा है।

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