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मंगलवार, 21 जून 2016

इसरो बुधवार को रचेगा इतिहास

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श्रीहरिकोटा, आँध्र प्रदेश 21 जून (वार्ता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बुधवार को एक साथ रिकॉर्ड 20 उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़कर नया इतिहास बनायेगा। इसरो ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी मिशन के तहत बुधवार सुबह 9.26 बजे ध्रुवीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी34 का प्रक्षेपण यहाँ स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से किया जायेगा और 26 मिनट 30.36 सेकेंड में मिशन पूरा हो जायेगा। इसरो के एक प्रवक्ता ने यूनीवार्ता को बताया कि मिशन की उल्टी गिनती निर्बाध चल रही है। इससे पहले वर्ष 2008 में इसरो ने एक साथ 10 उपग्रह छोड़े थे। पीएसएलवी-सी34 अपने साथ तीन भारतीय और 17 विदेशी उपग्रह लेकर जा रहा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण कार्टोसैट-2 है जिसका वजन 727.5 किलोग्राम है। इसे 505 किलोमीटर की ऊँचाई वाली सौर समचालित कक्षा में स्थापित किया जायेगा। इस उपग्रह का प्रयोग रिमोट सेंसिंग के लिए किया जायेगा। दो अन्य भारतीय उपग्रह सत्यभामासैट और स्वयम् हैं। डेढ़ किलोग्राम वजन वाला सत्यभामासैट चेन्नई के सत्यभामा विश्वविद्यालय का है जिसका इस्तेमाल ग्रीन हाउस गैसों के अध्ययन के लिए किया जायेगा। 

स्वयम् पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का उपग्रह है। एक किलोग्राम वजन वाले इस उपग्रह का इस्तेमाल प्वाइंट टू प्वाइंट मैसेजिंग के लिए किया जायेगा। शेष 17 विदेशी उपग्रह अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के हैं। इनमें इंडोनेशिया का मल्टी-स्पेक्टेरल रिमोट सेंसिंग उपग्रह ‘लापैन-ए3’ (120 किलोग्राम), जर्मनी के एयरोस्पेस सेंटर का वैज्ञानिक अनुसंधान उपग्रह ‘बिरोस’ (130 किलोग्राम), कनाडा के ‘एम3एमसैट’ और ‘जीएचजीसैट-डी’ तथा अमेरिका के ‘स्काईसैट जेन2-1’ और ‘डव सैटेलाइट’ प्रमुख हैं। वर्ष 1999 से अब तक इसरो 57 विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर चुका है। पीएसएलवी-सी34 मिशन के बाद इनकी संख्या बढ़कर 74 हो जायेगी। पिछले साल तीन मिशनों के तहत इसरो ने 17 विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था। प्रक्षेपण के करीब ढाई मिनट बाद प्रक्षेपण यान धरती के वायुमंडल से बाहर निकल जायेगा। चौथे स्टेज का प्रज्वलन 16 मिनट 30.36 सेकेंड बाद बंद कर दिया जायेगा। कार्टोसैट-2 सत्रह मिनट 7.36 सेकेंड बाद अंतरिक्षयान से अलग हो जायेगा। सत्रह मिनट 42.36 सेकेंड पर सत्यभामासैट और 17 मिनट 42.80 सेकेंड पर स्वयम् अंतरिक्ष यान से अलग होगा। कुल 26 मिनट 30.36 सेकेंड में मिशन पूरा हो जायेगा।

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