कुंबले बने टीम इंडिया के प्रमुख कोच - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


गुरुवार, 23 जून 2016

कुंबले बने टीम इंडिया के प्रमुख कोच

kumble-team-india-new-coach
धर्मशाला, 23 जून, पूर्व भारतीय कप्तान और देश के सबसे सफल स्पिनर अनिल कुंबले गुरूवार को टीम इंडिया के नये प्रमुख कोच बन गये। कुंबले को एक वर्ष के लिये टीम इंडिया का कोच बनाया गया है और उनका पहला कार्यभार जुलाई-अगस्त में वेस्टइंडीज का चार टेस्टों का दौरा होगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने शाम को संवाददाता सम्मेलन में कुंबले को नया भारतीय कोच बनाये जाने की घोषणा करते हुये कहा कि वह अगले एक साल के लिये भारतीय टीम के कोच रहेंगे। ठाकुर ने कुंबले का नाम घोषित करते हुये साथ ही कहा कि गेंदबाजी, बल्लेबाजी और सहायक कोचों के नामों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी। ठाकुर ने कहा “कुंबले के क्रिकेट के विशाल ज्ञान और अनुभव को देखते हुए हमें पूरा यकीन है कि वह भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे और टीम इंडिया को तीनों प्रारुपाें में नंबर एक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमें पूरा भरोसा है कि कुंबले भारतीय टीम द्वारा स्थापित पेशेवर मापदंडों को पूरा करेंगे और भारतीय क्रिकेट के प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।” कुंबले ने इस तरह कोच पद की होड़ में प्रबल दावेदार माने जा रहे टीम इंडिया के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री को पीछे छोड़ दिया जो इस वर्ष ट्वंटी 20 विश्वकप तक टीम के निदेशक और कोच की भूमिका निभा रहे थे। कुंबले के लिए कोच पद बेहद चुनौतीपूर्ण रहेगा क्योंकि भारत को 2016-17 के घरेलू सत्र में 13 टेस्टों, आठ वनडे और तीन ट्वंटी 20 मैचों की मेजबानी करनी है। 

ठाकुर ने कुंबले के नाम की घोषणा करते हुये कहा“ बीसीसीअाई ने कोच के चयन के लिये पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किया है। हमने कोच पद के लिये मापदंड निर्धारित कर रखे थे। कई लोगों ने कोच पद के लिये अपना आवेदन किया था जिनमें से एक प्रक्रिया के तहत गुजरते हुये चयन समिति ने कुंबले के नाम की बीसीसीआई को सिफारिश की।” बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा “कोच पद की चयन समिति में सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज तथा मुख्य समन्वयक संजय जगदाले जैसे अनुभवी प्रशासक शामिल थे जिन्होंने विभिन्न उम्मीदवारों के साक्षात्कार लेने के बाद अपनी रिपोर्ट सचिव अजय शिर्के को सौंपी। समिति ने कोच के लिए कुंबले के नाम की सिफारिश की। हमने भी कुंबले के नाम पर विस्तृत रूप से विचार विमर्श किया और फैसला किया कि वह टीम इंडिया के कोच पद के लिये सबसे उपयुक्त व्यक्ति होंगे।” ठाकुर ने टीम निदेशक रवि शास्त्री के योगदान की भरपूर सराहना की जिनके मार्गदर्शन में भारतीय टीम आस्ट्रेलिया में हुए विश्वकप और 2016 में भारत में हुए ट्वंटी 20 विश्वकप के सेमीफाइनल तक पहुंची। शास्त्री के निदेशक रहते भारत ने श्रीलंका में 22 वर्ष के अंतराल के बाद टेस्ट सीरीज जीती, चार टेस्टों की घरेलू सीरीज में दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से हराया और एशिया कप भी जीता। कर्नाटक के बेंगलुरू में जन्मे 45 वर्षीय कुंबले ने 132 टेस्टों और 271 वनडे में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 619 टेस्ट विकेट और 337 वनडे विकेट हासिल किये। कुंबले टेस्ट क्रिकेट में श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन और आस्ट्रेलिया के शेन वार्न के बाद सर्वाधिक विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज हैं। कुंबले ने 2008 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। 

कुंबले सितंबर 2000 में कपिल देव के इस्तीफे के बाद टीम इंडिया के पूर्णकालिक कोच बनने वाले पहले भारतीय हैं। इस संदर्भ में पूछे जाने पर ठाकुर ने कहा “यह मामला भारतीय या विदेशी काेच का नहीं है। यह मामला इस बात का है कि भारतीय क्रिकेट के लिए सर्वश्रेष्ठ कौन है। भारत को सर्वश्रेष्ठ कोच की जरुरत है और कुुंबले में भारत का कोच बनने के लिए तमाम गुण मौजूद हैं।” पूर्व लेग स्पिनर कुंबले उन 57 उम्मीदवारों में शामिल थे जिन्होंने बीसीसीआई के विज्ञापन पर कोच पद के लिये आवेदन किया था। इस सूची को शार्ट लिस्ट कर 21 नामों तक लाया गया था। कुंबले उन 21 नामों में शामिल थे और उन्होंने गत मंगलवार को कोलकाता में कोच पद के लिये चयन समिति के सामने अपना साक्षात्कार और प्रेजेंटेशन दिया था। दिलचस्प बात है कि बीसीसीआई ने अपने विज्ञापन में कोच पद के लिये विभिन्न शर्तों में एक शर्त यह भी रखी थी कि उम्मीदवार के पास किसी राष्ट्रीय टीम के कोच पद का अनुभव होना चाहिये। कुंबले हालांकि इस शर्त पर खरे नहीं उतरते लेकिन क्रिकेट में उनका विशाल अनुभव उन्हें यह पद दिलाने में कामयाब हो गया। कुंबले आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू और मुंबई इंडियंस के मेंटर रहे हैं। कुंबले की राष्ट्रीय कोच के रूप में अनुभव की कमी को उनके 18 वर्ष के लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में खिलाड़ी और कप्तान के रूप में अनुभव ने पूरा कर दिया। वह टेस्ट इतिहास के दूसरे ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होंने एक पारी में सभी 10 विकेट लिये हैं। कुंबले ने यह कारनामा 1999 में दिल्ली में पाकिस्तान के खिलाफ 74 रन पर 10 विकेट लेकर किया था। कुंबले को नवंबर 2007 में टेस्ट कप्तान बनाया गया था। उन्होंने 14 टेस्टों में भारत की कप्तानी की और एक साल बाद कंधे की चोट के कारण टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। अपने संन्यास के बाद कुंबले ने प्रशासनिक भूमिका निभाई और वह नवंबर 2010 में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी बने। वह बेंगलुरू में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के अध्यक्ष रहने के अलावा बीसीसीआई की तकनीकी समिति के भी अध्यक्ष रहे। वह मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति के भी अध्यक्ष हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं: