नयी दिल्ली 06 जून, उच्चतम न्यायालय मथुरा के जवाहर बाग में हुई हिंसा की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने संबंधी जनहित याचिका पर कल सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की अवकाशकालीन पीठ ने अश्विनी उपाध्याय की याचिका आज सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए इसके लिए कल की तारीख मुकर्रर की। मथुरा के जवाहर बाग में हुई हिंसा में दो पुलिसकर्मियों सहित 29 लोगों की जान चली गई थी। पेशे से वकील श्री उपाध्याय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल ने याचिका की तत्काल सुनवाई का न्यायालय से आग्रह किया था। सुश्री जायसवाल ने कहा कि घटना की शुरुआत से ही सबूत नष्ट किए जा रहे हैं और करीब 200 वाहन पहले ही जलाए जा चुके हैं। उन्होंने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि हिंसा की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच जरूरी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए दो जून को पुलिस मथुरा के जवाहरबाग से अवैध कब्जा हटाने पहुंची। यह अतिक्रमण एक अल्पचर्चित संगठन आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही के कार्यकर्ताओं ने किया था। पुलिस ने जब अवैध अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने की कोशिश की तो हिंसा भड़क उठी। अतिक्रमणकारियों तथा पुलिस के बीच टकराव में एक पुलिस अधीक्षक और एक थाना प्रभारी सहित 29 लोगों की जान चली गई।
सोमवार, 6 जून 2016
मथुरा कांड को लेकर याचिका की सुनवाई मंगलवार को
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