सजा से संतुष्ट नहीं हूं, आगे भी लडूंगी कानूनी लडायी : जाकिया जाफरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शुक्रवार, 17 जून 2016

सजा से संतुष्ट नहीं हूं, आगे भी लडूंगी कानूनी लडायी : जाकिया जाफरी

not-satisfied-with-punishment-i-will-further-legal-action-zakia-jafri
अहमदाबाद, 17 जून, गुजरात में वर्ष 2002 में गोधराकांड के बाद भडके दंगों के दौरान 28 फरवरी को यहां हुए गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार में अन्य 68 लोगों के साथ मारे गये पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी ने आज इस मामले में यहां विशेष अदालत की ओर से सुनायी गयी सजा पर असंतोष जताते हुए कहा कि वह इसके खिलाफ आगे कानूनी लडायी जारी रखेंगी। विशेष अदालत ने इस मामले के 24 दोषियों में से 11 को उम्रकैद, एक को दस साल तथा शेष 12 को सात सात साल की सजा सुनायी है। श्रीमती जाफरी ने पत्रकारों से कहा कि वह इससे बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। अदालत ने पहले ही 36 को रिहा कर दिया था। अब 24 दोषियों में से कुछ को उम्रकैद और कुछ को कम सजा देना सही नहीं है। सभी को कडी सजा होनी चाहिए थी। उन्होने कहा कि वह इस मामले में आगे कानूनी लडायी लडेंगी।

कोई टिप्पणी नहीं: