श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश 19 जून, अंतरिक्ष में भारत के सफर में एक नया अध्याय जोड़ने वाले अंतरिक्ष यान पीएसएलवी-सी34 के प्रक्षेपण के लिए 48 घंटे की उल्टी गिनती कल सुबह यहां शुरू हो जायेगी। इसरो के एक प्रवक्ता ने यूनीवार्ता को बताया कि पीएसएलवी-सी34 के प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती सोमवार सुबह 9.26 बजे शुरु होगी। उन्होंने बताया कि मिशन तैयारी समीक्षा समिति और लांच अाथोराइजेशन बोर्ड ने सोमवार सुबह 9.26 बजे से उल्टी गिनती शुरु करने तथा 22 जून सुबह 9 26 बजे प्रक्षेपण के लिये अनुमति दे दी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 22 जून को पीएसएलवी-सी34 का प्रक्षेपण करेगा जो अपने साथ रिकॉर्ड 20 उपग्रह लेकर जा रहा है। इनमें तीन स्वदेशी तथा 17 विदेशी उपग्रह हैं जिनका कुल वजन 1288 किलोग्राम के करीब है। सबसे प्रमुख कार्टोसैट-2 है जिसका वजन 727.5 किलोग्राम है। यह पृथ्वी के निरीक्षण में इस्तेमाल किया जाने वाला उपग्रह है।
इसरो के अनुसार, कार्टोसैट-2 के अलावा 19 अन्य उपग्रहों का कुल वजन 560 किलोग्राम है। इनमें दो उपग्रह भारतीय विश्वविद्यालयों/शिक्षण संस्थानों के है जबकि 17 अन्य अमेरिका, कनाडा, जर्मनी तथा इंडोनेशिया के हैं। इन उपग्रहों को 505 किलोमीटर की ऊँचाई वाले सूर्य के साथ समचालित (सिंक्रोनस) कक्षा में स्थापित किया जायेगा। प्रक्षेपण 22 मई को सुबह 9.26 बजे यहाँ स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से होना है। इसरो ने इससे पहले वर्ष 2008 में 10 उपग्रह एक साथ अंतरिक्ष में छोड़े थे। कई उपग्रह एक साथ छोड़ने में सबसे बड़ी सावधानी यह रखनी होती है कि सभी उपग्रहों को यथेष्ट कक्षा में समुचित समयांतराल पर इस प्रकार छोड़ा जाये कि वे एक-दूसरे से टकरायें नहीं। 20 उपग्रह एक साथ छोड़कर इसरो अंतरिक्षण प्रक्षेपण में अपनी दक्षता का एक और प्रमाण देने के काफी करीब है।

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