नयी दिल्ली, 29 जून, सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिये सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को आज मंजूरी दे दी जिससे एक करोड़ कर्मचारी और पेंशन भोगी लाभान्वित होंगे तथा सरकारी खजाने पर एक लाख दो हजार करोड़ रूपये का सालाना बोझ पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये फैसले की जानकारी देते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि न्यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में गठित वेतन आयोग की सिफारिशों को कमोबेश स्वीकार कर लिया गया है। इन्हें एक जनवरी 2016 से लागू किया जायेगा और एरियर का भुगतान इसी वर्ष किया जायेगा। इसके लागू होने से 47 लाख कर्मचारी और 53 लाख पेंशन भोगी लाभान्वित होंगे जिनमेें रक्षा क्षेत्र के 14 लाख कर्मचारी और 18 लाख पेंशन भोगी है।
श्री जेटली ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों का वेतन निजी क्षेत्र के अनुरूप बनाने के लिये आईआईएम अहमदाबाद के अध्ययन को आधार बनाया गया। वेतन को रहन-सहन की लागत से जोड़ा गया। मूल वेतन में बढोत्तरी के लिये 2.57 गुणा का फार्मूला अपनाया गया है जिससे न्यूनतम वेतन 7000 रूपये से बढ़कर 18 हजार रूपये हो जायेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि भत्तों को लेकर कुछ संशय कि स्थिति है इसे दूर करने के लिये सचिवों की एक समिति गठित की जायेगी जो चार माह में रिपोर्ट देगी। उसकी सिफारिशों के आधार पर इन्हें लागू किया जायेगा और तब तक भत्तों का मौजूदा दर पर भुगतान किया जायेगा। वेतनमान की विषंगतियों को दूर करने के लिये एक समिति का गठन किया जायेगा। पेंशन की न्यूनतम सीमा साढ़े तीन हजार से बढ़ाकर नौ हजार रुपये की गयी है और ग्रेज्युटी को दोगुना करके 10 लाख से 20 लाख रुपये किया गया है। सालाना वेतन वृद्धि के लिये एक जनवरी और एक जुलाई की तिथि तय की गई है। पहले यह साल में एक बार जुलाई में होती थी। बढ़ोत्तरी पहले की तरह मूल वेतन के तीन प्रतिशत होगी। इलाज के लिये दिये जाने वाली अग्रिम राशि को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के ब्याज मुक्त अग्रिम राशि की सुविधा को खत्म कर दिया गया है। आवास रिण की सीमा साढ़े सात लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है।
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