गंगा सफाई की 300 परियोजनाएं हरिद्वार से होंगी शुरू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 6 जुलाई 2016

गंगा सफाई की 300 परियोजनाएं हरिद्वार से होंगी शुरू

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नयी दिल्ली, 06 जुलाई, केंद्र सरकार गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगा योजना के तहत गुरुवार को हरिद्वार से दो हजार करोड़ रुपए की 300 परियोजनाओं की शुरुआत करेगी। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संंरक्षण मंत्री उमा भारती ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गंगा की सफाई के लिए घाटों के नवीनीकरण, मल शोधन संयंत्र, वृक्षारोपण, जैव विविधता जैसी परियोजनाएं शुरू की जानी है और गुरुवार को उत्तराखंड के हरिद्वार से राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत इन योजनाओं की शुरुआत करेंगे। इस मौके पर सुश्री भारती के साथ ही सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह तथा महेश शर्मा सहित कई अन्य प्रमुख लोगा मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि गंगा तथा यमुना नदी की सफाई की इन योजनाओं की शुरुआत गुरुवार को एक साथ 104 स्थानों पर की जाएगी। ये सभी परियोजनाएं गंगा तथा यमुना नदी की सफाई से जुड़ी होंगी लेकिन मुख्य कार्यक्रम हरिद्वार में आयोजित किया जाएगा। सात जुलाई को यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के नरोरा, मथुरा, इलाहाबाद, वाराणसी तथा कानपुर के साथ ही बिहार तथा पश्चिम बंगाल में विभिन्न स्थानों पर शुरू किया जायेगा।

सुश्री भारती ने कहा कि गंगा सफाई की योजनाओं की शुरुआत गुरुवार से होगी और उसके बाद इन योजनाओं पर काम लगातार होता रहेगा। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य गंगा को निर्मल बनाना है और इसके लिए चरणबद्ध तरीके से गंगा को दूषित करने के लिए जिम्मेदार कारकों का निवारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई के लिए गंगा तट पर बसे गांवों में जागरूकता पैदा करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है और इसके लिए गंगा ग्रामों का निर्माण किया गया है। गंगा ग्राम योजना के तहत 300 सरपंचों को प्रशिक्षित किया जाएगा और वे फिर अपने गांव में गंगा की सफाई से जुड़ी जानकारी देंगे। गंगा ग्राम योजनाओं को निर्मल गंगा कार्यक्रम के तहत दस दस लाख रुपए दिए जाएंगे। गंगा सफाई की योजना शुरू करने के काम में दो साल का वक्त लगने के संबंध में पूछने पर इस मौके पर मौजूद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह लम्बी प्रक्रिया का हिस्सा है। उनका कहना था कि गंगा सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है इसलिए इस काम को शुरु करने में दो साल का समय लगा है अन्यथा सरकारी प्रक्रिया के तहत इन परियोजनाओं को शुरू करने में सालों लग जाते।

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