नयी दिल्ली. 01 जुलाई, भारत ने पाकिस्तान के उस बयान को आज सिरे से खारिज कर दिया कि वह बातचीत से कतरा रहा है। उसने कहा कि पाकिस्तान से बातचीत शुरू करने के भारत का प्रयास पठानकोट हमले से बाधित हुआ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान ने इस हमले में उसके लोगों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया है लेकिन उसकी ओर से ठोस कार्रवाई का अभी तक इंतजार है। पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री स्वरूप ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत करने से कभी नहीं कतराया है और वह पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर हिंसा एवं आतंकवाद मुक्त वातावरण में द्विपक्षीय बातचीत करने काे तैयार है। वास्तव में भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने की बार बार पहल की है। श्री अजीज ने कहा था कि भारत कश्मीर मुद्दे पर बातचीत नहीं करना चाहता है इसलिये वह बातचीत से कतरा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि श्री मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 26 मई 2014 को उनके शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिसंबर 2015 में इस्लामाबाद की यात्रा की और उसमें समग्र द्विपक्षीय वार्ता शुरू करने का निर्णय हुआ था। श्री मोदी भी 25 दिसंबर को बहुत अल्प समय के नोटिस पर लाहौर पहुँच गये थे। इसके बाद विदेश सचिव की जनवरी में बैठक होनी थी जिसमें समग्र वार्ता शुरू करने के तौर तरीकों पर बात होनी थी लेकिन पठानकोट का हमला हो गया।
उन्होंने कहा कि श्रीमती स्वराज ने हाल में कहा है कि पठानकोट हमले के बाद भारत की सरकार एवं जनता दोनों में स्वाभाविक रूप से यह अपेक्षा है कि पाकिस्तान की ओर से कोई ठोस कार्रवाई हो। भारत उसी ठोस कार्रवाई का इंतजार कर रहा है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रफीक जकारिया ने कहा है कि उनके विदेश सचिव ने भारत के विदेश सचिव को मुंबई हमले के सिलसिले में और सबूत देने के लिये पत्र लिखा है। इस बारे में पूछे जाने पर श्री स्वरूप ने कहा कि भारत पाकिस्तान को पूरा सहयोग देने को तैयार है लेकिन उसे पाकिस्तान से हाल में ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। एक पत्र पिछले साल सितंबर में आया था जिसका उत्तर दे दिया गया था। उन्होंने कहा कि 24 प्रस्तावित गवाहों की सूची के बारे में केवल मीडिया में बात सुनायी दे रही है। भारत को ऐसी कोई सूची नहीं मिली है।

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