नयी दिल्ली,08जुलाई, सरकार ने मीडिया में आई इन खबरों का खंडन किया है कि बंगलादेश को आतंकवाद विरोधी अभियान में मदद के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी)की टीम ढ़ाका गई है। गृहमंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने आज यहां कहा कि एनएसजी की कोई टीम बंगलादेश नहीं भेजी गई है लेकिन हाल में वहां हुए आतंक वादी हमले के बारे में बंगलादेश के अधिकारियों को खुफिया जानकारी जुटाने में मदद जरुर की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि हमलों के पीछे किन लोगों का हाथ रहा है। बंगलादेश में पिछले एक सप्ताह के दौरान दो आतंकवादी हमले हो चुके हैं। पहला हमला ढ़ाका के एक रेस्त्रां में एक जुलाई को हुआ था।
इस हमले में भारतीय लड़की तारिषी जैन समेत 20 लोग मारे गए थे। दूसरा हमला कल ईद के मौके पर किशोर गंज में हुआ जिसमें एक महिला और दो सुरक्षाकर्मी मारे गए। गृहमंत्रालय के अनुसार इन आतंकवादी हमलों को ध्यान में रखते हुए भारत-बंगलादेश सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है और इन क्षेत्रों में सुरक्षाबलों का खोजबीन अभियान तेज कर दिया गया है। स्थानीय ग्रामीणों को इस अभियान में शामिल किया गया है। उनसे चौकसी बरतने को कहा गया है और किसी भी तरह की घुसपैठ की जानकारी तुरंत सुरक्षाबलों को देने की सलाह दी गई है। इस काम में स्थानीयच पुलिस सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ)के साथ पूरा सहयोग कर रही है। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान बंगलादेश की सीमा से सटे कई भारतीय गांवों में सघन तलाशी अभियान चलाया जा चुका है। सीमावर्ती मालदा जिले में नदी क्षेत्रों की सुरक्षा चाक चौंबद रखने के लिए सुरक्षाबल तीव्र गति से चलने वाली यांत्रिक नौकाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। कोलकाता में शेयर बाजार भवन और ऐतिहासिक विक्टोरिया मेमोरियल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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