शिक्षा का निजीकरण है सरकार का एजेंडा : कांग्रेस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 6 जुलाई 2016

शिक्षा का निजीकरण है सरकार का एजेंडा : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 06 जुलाई, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर देश की शिक्षा प्रणाली को चौपट करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि शिक्षा के निजीकरण तथा भगवाकरण के एजेंडे को तेजी से लागू करने के लिए ही नए व्यक्ति को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि मोदी सरकार ने दो साल में शिक्षा प्रणाली को महंगा बना दिया है। पहले शिक्षा व्यवस्था में बच्चों की निशुल्क स्कूली शिक्षा तथा मिड-डे-मील जैसी योजनाएं शुरू की गयी थी ताकि आम आदमी के बच्चे शिक्षा ले सकें लेकिन अब विश्वविद्यालयों और महा-विश्वविद्यालयों में फीस को बहुत ज्यादा बढाया जा रहा है। 

उन्होंने श्री प्रकाश जावड़ेकर का नाम लिए बिना कहा कि मोदी सरकार शिक्षा का निजीकरण करने में लगी है और इसी को ध्यान में रखते हुए ऐसे व्यक्ति को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गयी है जो धन्नासेठों और पूंजीपतियों के कुछ ज्यादा ही कायल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का यह शिक्षा के निजीकरण का प्रयास है और इसी परिप्रेक्ष्य में शिक्षा मंत्रालय में नए व्यक्ति को भेजा गया है। उन्होंने इसे चिंताजनक स्थिति बताया और कहा कि समाज के अग्रणी लोगों को इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले दो साल में शिक्षा व्यवस्था को जितना ध्वस्त किया है उतना पिछले 67 साल में इसे नुकसान नहीं हुआ है। इस दौरान न सिर्फ विश्वविद्यालयी शिक्षा के लिए बजट आवंटन में भारी कटौती की गयी है बल्कि शिक्षा के निजीकरण की भी पूरी तैयारी की गयी है। उन्होंने कहा मोदी सरकार ने शिक्षा बजट में भारी कटौती की है जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने इस बजट को 11000 करोड़ रुपये से बढाकर 81000 करोड़ रुपये कर दिया था। इसके विपरीत मोदी सरकार ने दो साल में इसके आवंटन को 10 हजार करोड़ रुपये घटाकर करीब 72 हजार करोड़ रुपये पर ला दिया है। बजट में की गयी इस कटौती से स्पष्ट है कि सरकार विश्वविद्यालयी शिक्षा काे कमजोर करना चाहती है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले दो साल के दौरान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के बजट में भी कमी की है और इसमें लगातार कटौती की जा रही है। यूजीसी के बजट को चालू वित्त वर्ष में 9315 करोड़ रुपए से घटाकर 4286 करोड़ रुपए किया गया है। श्री तिवारी ने भाजपा सरकार पर विश्वविद्यालयी शिक्षा में दखल करने का अरोप लगाते हुए कहा कि दो साल में शिक्षा का भगवाकरण किया गया है। संघ के लोग शिक्षा क्षेत्र में लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं। छत्तीसगढ में संघ के लोगों द्वारा छह विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाकर शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट हो गया है कि आरएसएस शिक्षा में सीधा दखल दे रहा है और विश्वविद्यालयी शिक्षा का भगवाकरण किया जा रहा है। मानव संसाधन मंत्रालय बदले जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में सिर्फ एक ही व्यक्ति की चलती है और अन्य मंत्री सिर्फ दिखावे के लिए हैं।

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