श्रीनगर 30 अगस्त, कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकरनाग में आठ जुलाई को आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद नौ जुलाई से जारी विरोध प्रदर्शनों, अलगवाववादियों की हड़ताल और कर्फ्यू के कारण घाटी में आज 53 वें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा ।
हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर समेत तीन आतंकवादियों के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद घाटी में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसक घटनाओं में 70 लोग मारे गये हैं और लगभग 6000 लोग घायल हुये हैं । प्रदर्शनकारियों द्वारा वाहन को झेलम नदी में गिरा देने से एक पुलिस चालक की मौत हो गयी जबकि दक्षिण कश्मीर में ग्रेनेड हमले में एक कांस्टेबल मारा गया । इसके अलावा गत नौ जुलाई से जारी पथराव की घटनाओं में करीब 4500 सुरक्षा बल के जवान घायल हुए हैं। अच्छी बात यह है कि सिविल लाइन्स समेत कुछ स्थानों पर बैंकों की कुछ शाखाओं, बीमा कंपनी कार्यालयों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आज तड़के से लेकर सुबह नौ बजे तक काम भी हुआ ।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के नौहट्टा और एम आर गंज तथा दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में कर्फ्यू जारी रहेगा। कई इलाकों में जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। उन इलाकों में कल हुये व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद सुरक्षा बल के जवान लोगों काे घरों के अंदर रहने का निर्देश दे रहे हैं। पुलिस ने कहा कि नौहट्टा और शहर-ए-खास के एम आर गंज के अलावा श्रीनगर के पुराने इलाकों और पुलवामा शहर में कर्फ्यू जारी है। घाटी के अन्य हिस्सों में तैनात अर्द्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस के जवान निषेधाज्ञा के तहत लाेगों के एकत्र होने पर पाबंदी को कड़ाई से लागू कर रहे हैं।
आंदोलन को हवा दे रहे हुर्रियत कांफ्रेंस (एचसी) के दोनों धड़ों और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) ने हड़ताल की अवधि पहले ही एक सितम्बर तक बढ़ा दी है। अलगाववादियों ने आज महिलाओं से अपने इलाकों में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है। जामिया मस्जिद की ओर जाने वाले सभी सड़क मार्गाें को कंटीली तारों से घेरकर बंद कर दिया गया है। इसके आस-पास रहने वाले लोगों का आरोप है कि उन्हें अपने घरों से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
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