दो सितंबर की हड़ताल पर अडिग श्रमिक संघ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 31 अगस्त 2016

दो सितंबर की हड़ताल पर अडिग श्रमिक संघ

यी दिल्ली 30 अगस्त, सरकार की अपील के बावजूद 15 करोड़ से अधिक मजदूरों का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय श्रमिक संघों दो सितंबर की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने के लिए अडिग हैं, असंगठित क्षेत्र श्रमिक संगठनों ने हड़ताल का समर्थन करने का फैसला किया है। भारतीय जनता पार्टी समर्थित भारतीय मजदूर संघ ने हड़ताल से बाहर रहने का निर्णय किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने श्रमिक संघों से 02 सितंबर से प्रस्तावित हड़ताल पर नहीं जाने की अपील करते हुये आज कहा कि सरकार ने अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी 246 रुपये से 42.28 प्रतिशत बढ़ाकर 350 रुपये करने और सरकारी क्षेत्र के मजदूरों को पिछले वर्षाें के बकाये बोनस का पुनरीक्षित दर से इस वर्ष भुगतान करने का निर्णय लिया है हालांकि विदेशी निवेश नीति में संशोधन की कर्मचारियों की माँग खारिज कर दी। श्री जेटली ने कहा कि सरकार सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स (सीटू) की सभी 12 मांगों पर राजी नहीं हो सकती हालाँकि, सरकार कर्मचारियों की शिकायतों पर चर्चा के लिए तैयार है और कर्मचारियों की कार्य स्थिति में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। आॅल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस और सीटू ने 02 सितंबर को भारत बंद के तहत राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल का आह्वान किया है जिससे बैंकिंग सहित कई क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं। रिजर्व बैंक से संबद्ध कर्मचारी संगठनों ने भी इस हड़ताल में शामिल होने की पुष्टि की है। केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों का हवाला देते हुए कहा है, “मैं श्रमिक संघों से मजदूरों और देश हित में हड़ताल वापस लेने की अपील करता हूं।”


संगठित क्षेत्र के श्रमिकों की इस हड़ताल का समर्थन निर्माण मजदूरों समेत असंगठित क्षेत्र के मजदूर संगठनों ने भी किया है। देश में कुल श्रमबल का 94 प्रतिशत हिस्सा असंगठित क्षेत्र में हैं। इस हड़ताल को बुद्धिजीवियों तथा कलाकारों ने भी समर्थन देने की घोषणा की है। एक अनुमान के अनुसार श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में हड़ताल में औपचारिक क्षेत्र के 15 करोड़ श्रमिक शामिल होंगे। श्रमिक संघों ने कहा है कि इस हड़ताल से परिवहन, बैंकिंग और बिजली, गैस और तेल की आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाएं प्रभावित होंगी। श्री दत्तात्रेय ने कहा “मैं श्रमिक संघों से मजदूरों और देश हित में हड़ताल वापस लेने की अपील करता हूं।”

असंगठित क्षेत्र के श्रमिक वर्कर्स पीपुल्स चार्टर के बैनर तले एकजुट हुए हैं। पांच प्रमुख सांस्कृतिक संगठनों के नेतृत्व में रंगकर्मी और लेखक इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए लोगों में जनचेतना फ़ैलाने का काम कर रहे हैं। इनमें जनवादी लेखक संघ ,जन संस्कृति बंगला मंच ,जानी नाटी मंच भी शामिल है। इसके अलावा इप्टा और सहमत भी हड़ताल के समर्थन में हैं।



बीएमएस ने श्री जेटली के नेतृत्व वाले अंतर मंत्रालय समूह के साथ मुलाकात के बाद केंद्रीय श्रमिक संघों की दो सितंबर को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल से अलग रहने का फैसला किया है। बीएमएस के महासचिव बृजेश उपाध्याय ने बताया कि अंतर मंत्रालय समूह के साथ मजदूर संघ की बातचीत सार्थक रही और यह माना गया कि सरकार ने पिछले कुछ समय में मजदूरों के हितों के लिए महत्वपूर्ण काम किए हैं। बैठक में मजदूर संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के अलावा श्री जेटली, श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारु दत्तात्रेय, बिजली मंत्री पीयूष गोयल, तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह मौजूद थे। श्री उपाध्याय ने बताया कि मजदूर संघ ने अपनी सभी राज्य इकाइयों और औद्योगिक महासंघों को विजय मार्च निकालने और सभाएं करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सभाओं में सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया जाएगा।

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