नेशनल हाईवे 91 पर परिवारीजनों को बंधक बनाकर मां-बेटी से गैंगरेप मामले में पुलिस ने घटनास्थल से 5 किमी के दायरे से करीबन डेढ़ दर्जन से ज्यादा संदिग्धों का हिरासत में लिया। पुलिस ने पीड़ित मां-बेटी को 200 से अधिक अपराधियों के फोटो दिखाए, जिसमें से बेटी ने 2 फोटो में दरिंदो की पहचान की। हिरासत में लिये गए तीन अपराधियों में से दो वही हैं।
पुलिस हेल्पलाइन पर सवाल
जानकारी के मुताबिक जब पीड़ितों ने वारदात के बाद 100 नंबर पर पुलिस को को सूचना देने की कोशिश की तो फोन ही नहीं मिला। उन्होंने करीबन चार बार फोन किया लेकिन निराशा हाथ लगी। डीजीपी जाविद अहमद और डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि आरोपी बंधक बने परिवार को शनिवार की सुबह करीबन 4 बजे छोड़कर भाग गए।
तीन की पहचान
बुलंदशहर के दोस्तपुर गांव में हुई यह घटना सामने आने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर यहां आए राज्य के डीजीपी जावीद अहमद ने नरेश (25), बबलू (22) और रईस (28) नाम के तीन आरोपियों की पहचान होने की बात कही।
आनन-फानन में निलंबित 4 वर्दीधारी
एनएच-91 पर जा रहे नोएडा के परिवार के साथ शुक्रवार को हुए इस भयावह हादसे के बाद पूरे देश में पैदा हुए आक्रोश और घटना के राजनीतिक रंग लेने के मद्देनजर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आनन-फानन में हरकत में आए और पुलिस पर लगे शिथिलता के आरोप में बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण, सिटी एसपी राममोहन सिंह, सर्किल अफसर (सदर) हिमांशु गौरव और कोतवाली देहात के एसएचओ रामसेन सिंह को निलंबित कर दिया।
सीएम पद छोड़ दें अखिलेश
अखिलेश यादव सरकार पर हमला बोलते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता महेश शर्मा ने कहा, ‘यह सब कब खत्म होगा? यह दिखाता है कि राज्य सरकार हर मोर्चे पर नाकाम हुई है। वे एक बेटी के सम्मान को नहीं बचा पा रहे। यह शर्मनाक है और उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।’
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