इस्लामाबाद 27 अगस्त, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत पर जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के दमन का आरोप लगाते हुए विश्व के विभिन्न देशों को घाटी की स्थिति के बारे में जानकारी देने के लिये 22 सांसदों को अपने विशेष दूत के रूप में दुनिया भर में भेजने का फैसला किया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार श्री शरीफ ने यहां कहा,“मैंने कश्मीर के संबंध में जानकारी देने के लिए इन सांसदों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भेजने का फैसला किया है। ये विशेष दूत पाकिस्तान के लोगों की ताकत है। मैं दुनियाभर में कश्मीर के बारे में स्थिति से अवगत कराने के लिए इन विशेष दूतों के पीछे खड़ा रहूंगा ताकि मैं अगले महीने संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अंतरात्मा को झकझोर सकूं।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र को कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के उसके लंबित वादे को भी याद दिलायेगा और भारत को स्पष्ट करेंगा कि कई दशकों पहले कश्मीर विवाद पर उसने संयुक्त राष्ट्र का रूख किया था लेकिन इस वैश्विक निकाय ने अपने वादे को पूरा नहीं किया। कश्मीरी लोगों ने पीढ़ी दर पीढ़ी वादों को टूटते हुए देखा है।
जिन 22 सांसदों को विशेष दूत के रूप में मनोनीत किया गया हैं उनमे इजाजुल हक और मलिक उजेर को बेल्जियम के लिए,खुसरो बखतियर और आलमदाद लालेका को चीन ,रजा हयात हिराज,जुनैद अनवर चौधी और नवाब अली वासन को रूस ,मौलाना फजलुर रहमान,मेजर (सेवानिवृत्त) ताहिर इकबाल और मोहम्मद अफजल खोखार को सऊदी अरब के लिए ,मोहसीन शाहनवाज रांझा एवं मलिक परवेज को तुर्की के लिए,लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अब्दुल कय्यूम और कैसर शेख को ब्रिटेन के लिए नियुक्त किया गया है। इनके अलावा मुशाहिद हुसैन सईद और शाहजरा अली खान को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र,आयशा रजा फारूक और राना मोहम्मद अफजल को फ्रांस,आविस लेघारी को संयुक्त राष्ट्र (जेनेवा) और अब्दुल रहमान कंजू को दक्षिण अफ्रीका के लिए विशेष दूत मनोनीत किया गया है।
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