नशे के आदी लोगों का पता लगाने के लिए होगा सर्वेक्षण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 30 अगस्त 2016

नशे के आदी लोगों का पता लगाने के लिए होगा सर्वेक्षण

नयी दिल्ली 30, अगस्त देश में नशे के आदी लोगों की संख्या का पता लगाने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के साथ सहमति पत्र पर आज हस्ताक्षर किये। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत की उपस्थिति में एम्स के डीन अनुसंधान डा. सुब्रत कुमार आचार्य और मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव गजला मिनायी ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये । एम्स के अधीन चलने वाला राष्ट्रीय व्यसन उपचार केन्द्र दो वर्ष में सर्वेक्षण पूरा करेगा । इस दौरान देश के सभी राज्यों में घर-घर जाकर लगभग छह लाख लोगों पर सर्वेक्षण किया जाएगा। सर्वेक्षण के लिए राशि मंत्रालय उपलब्ध करायेगा । 



इससे पूर्व 2001 में नशे को लेकर एक सर्वेक्षण किया गया था लेकिन यह राज्य स्तर पर नहीं किया गया था। इस अवसर पर श्री गहलोत ने कहा कि देश में लोग कई प्रकार के नशीले पदार्थो का सेवन करते हैं लेकिन सरकार को नशे के शिकार लोगों की सही संख्या की जानकारी नहीं है । उन्होंने कहा कि सही संख्या की जानकारी होने पर मंत्रालय को नयी योजनाएं तैयार करने में मदद मिलेगी ।

श्री गहलोत ने बताया कि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद नशा मुक्ति अभियान के लिए चलायी जा रही योजनाओं में सुधार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति के बाद उन लोगों काे रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा व्यवसाय चलाने के लिए ऋण भी उपलब्ध कराया जायेगा । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में समाज में व्याप्त नशे की समस्या पर गहरी चिन्ता व्यक्त की थी । 


इस अवसर पर उपस्थित राष्ट्रीय व्यसन उपचार केन्द्र के चिकित्सक अतुल अम्बेला ने बताया कि सर्वेक्षण में शराब , भांग और तम्बाकू की लत को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा गैरकानूनी मादक पदार्थो का सेवन करने वाले लोगों की जानकारी भी हासिल की जायेगी । उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि लोग शराब, भांग और तम्बाकू के सेवन करने की बात तो स्वीकार कर लेते हैं लेकिन गैर कानूनी मादक पदार्थो की जानकारी देने से कतराते हैं । ऐसे लोगों की सही जानकारी हासिल करने के लिए नयी पद्धति अपनायी जायेगी। नशे के शिकार लोगों का पता लगाने के लिए जेल में भी सर्वेक्षण किया जायेगा । इसके अलावा सेक्स वर्कर, बेघर लोगों तथा परिवहन कर्मचारियों को भी सर्वेक्षण में शामिल किया जायेगा ।

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